भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. 34 वर्षीय डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ममदानी ने ट्रंप समर्थित रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को बड़े अंतर से हराया. यह नतीजा सिर्फ न्यूयॉर्क की राजनीति के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका की राष्ट्रीय राजनीति में भी एक बड़ा संकेत माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह जीत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक 'गंभीर झटका' है.
मंगलवार को हुए चुनावों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही उम्मीदवार नहीं थे, लेकिन समाचार एजेंसी एपी के वोटर पोल के अनुसार, कई महत्वपूर्ण राज्यों के वोटर्स ने या तो उन्हें ध्यान में रखकर वोट किया या फिर उनके खिलाफ जाकर अपना फैसला लिया.
हालिया नतीजे किसी भी तरह से ट्रंप के लगभग दस महीने पुराने व्हाइट हाउस कार्यकाल के समर्थन के रूप में नहीं देखे जा सकते.
इसी रुझान को मंगलवार को हुए न्यू जर्सी और वर्जीनिया के गवर्नर चुनावों, न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव, और कैलिफोर्निया में संसदीय क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण संबंधी जनमत संग्रह में साफ तौर पर देखा गया.
एपी वोटर पोल, जिसने इन जगहों पर 17,000 से अधिक वोटर्स से बातचीत की, में पाया गया कि अधिकांश लोग ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल से असंतुष्ट हैं, और कई वोटर्स ने माना कि प्रवासन (इमिग्रेशन) पर उनका आक्रामक रुख हद से आगे बढ़ गया है.
रिपब्लिकन वोटर्स और रिपब्लिकन पार्टी की ओर झुकाव रखने वाले लोगों ने कहा कि उन्होंने ट्रंप को ध्यान में रखकर वोट नहीं किया, हालांकि उनमें से अधिकतर ने ट्रंप के कामकाज को संतोषजनक बताया.
ज्यादातर राष्ट्रपतियों की तरह ट्रंप को भी व्हाइट हाउस में वापसी के एक साल के भीतर हुए इन ऑफ-साइकिल चुनावों में निराशा हाथ लगी. डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों ने मंगलवार के अहम चुनावों में जीत हासिल की, जो ट्रंप के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है.
वर्जीनिया और न्यू जर्सी, दोनों राज्यों में आधे से थोड़ा कम वोटर्स ने कहा कि ट्रंप उनके लिए वोटिंग के दौरान कोई फैक्टर नहीं थे. ट्रंप ने इन राज्यों में अपने उम्मीदवारों के लिए ज्यादा प्रचार नहीं किया, सिवाय कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स और सोमवार रात हुई टेली-रैलियों के.
न्यूयॉर्क सिटी के मेयर चुनाव में करीब 10 में से 6 मतदाताओं ने कहा कि ट्रंप ने उनके वोट में कोई भूमिका नहीं निभाई. शहर में ममदानी की जीत ऐसे वक्त में हुई जब ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जोहरान ममदानी जीत गए, तो वे फेडरल फंडिंग रोक देंगे. ट्रंप पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो का समर्थन कर रहे थे. इसके बावजूद, न्यूयॉर्क सिटी के मतदाताओं ने ममदानी को अपना अगला मेयर चुना जिससे व्हाइट हाउस और न्यूयॉर्क की राज्य सरकार के बीच टकराव की संभावना बढ़ गई.
जनवरी में व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से ट्रंप के प्रदर्शन से कई मतदाता निराश हैं. वर्जीनिया और न्यू जर्सी में केवल 10 में से 4 वोटर ही ट्रंप के कामकाज को सही मानते हैं. यह आंकड़ा डेमोक्रेटिक बहुल क्षेत्रों जैसे कैलिफोर्निया और न्यूयॉर्क सिटी में और भी कम है, जहां लगभग दो-तिहाई वोटर्स उनके नेतृत्व को नकारते हैं.
स्वाभाविक रूप से, जो वोटर्स ट्रंप से नाखुश थे, उन्होंने अपना असंतोष वोट के जरिए बता दिया है. वहीं जो उनके समर्थक थे, उन्होंने कहा कि ट्रंप उनके वोट देने में कोई खास फैक्टर नहीं थे.
2024 में ट्रंप ने अवैध तरीके से सीमा पार कर अमेरिका आने वाले विदेशियों के डर को राजनीतिक हथियार बनाया था. लेकिन 2025 में, मतदाताओं के लिए आर्थिक मुद्दे प्रवासन से कहीं ज्यादा अहम बन गए.
एपी वोटर पोल में पाया गया कि कैलिफोर्निया, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क सिटी और वर्जीनिया के मतदाताओं ने ट्रंप प्रशासन की प्रवासी विरोधी नीतियों पर नाराजगी जताई. अधिकांश ने कहा कि निर्वासन और गिरफ्तारियों पर सरकार बहुत सख्त रुख अपना रही है जो कि सही नहीं है.
न्यूयॉर्क मेयर चुनाव समेत कई राज्यों में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों की जीत डेमोक्रेट्स के लिए उत्साहजनक है, लेकिन ट्रंप और रिपब्लिकन्स के लिए बड़ा झटका है. 2026 के मिडटर्म चुनावों में सभी 435 हाउस सीटें, 35 सीनेट सीटें और कई राज्य चुनाव होंगे, जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की परीक्षा होंगे.
रिपब्लिकन्स के पास हाउस में बहुमत तो है लेकिन डेमोक्रेट्स से अंतर महज 5 सीटों का है. हालिया चुनाव मिडटर्म चुनावों की झलक माने जा रहे हैं और अगर यही रुझान रहे, डेमोक्रेट्स हाउस जीत लेते हैं, तो ट्रंप की विधायी एजेंडा (जैसे टैक्स कट्स, इमिग्रेशन रिफॉर्म) रुक सकती है.