गाजा में आए दिन हालात भयावह होते जा रहे हैं. पहले से ही तबाही झेल रहे इस इलाके पर अब इजरायल ने पूर्ण कब्जे की तैयारी शुरू कर दी है. इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दे दी है, लेकिन इस फैसले ने दुनियाभर में विरोध की लहर पैदा कर दी है. यूरोपीय देशों, अरब जगत और संयुक्त राष्ट्र ने इस कदम पर गंभीर चिंता जताई है, जबकि इजरायल के वित्त मंत्री ने इसको रद्द करने की मांग की है.
रविवार को दक्षिणी इजरायल के गाजा बॉर्डर से आई तस्वीरों में टैंक, हथियारबंद वाहन और भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती साफ देखी जा सकती है. सुरक्षा कैबिनेट के फैसले के बाद यह संकेत मिल रहे हैं कि इजरायली सेना अब सिर्फ हमलों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि गाजा सिटी पर सीधा नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में बढ़ रही है. पिछले 22 महीनों में गाजा को सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ा है.
वहां लगातार बमबारी और जमीनी हमलों ने पूरे गाजा को मलबे में बदल दिया है. आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 60 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, लाखों घायल हैं. बड़ी आबादी भुखमरी के कगार पर पहुंच गई है. इजरायल के इस कदम के खिलाफ अरब देशों के साथ-साथ यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. तुर्किए के इस्तांबुल में हजारों लोग सड़कों पर उतर गए.
इस्तांबुल में लगे नारे- 'गाजा, तुम अकेले नहीं हो'
लोगों ने फिलिस्तीनी झंडे लहराए और गाजा पट्टी के 23 लाख लोगों के समर्थन में नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने इजरायल पर गाजा से मुसलमानों के सफाए का आरोप लगाया. स्पेन के बार्सिलोना में भी लोगों ने मार्च निकाला और 'गाजा, तुम अकेले नहीं हो' के नारे लगाए. यहां की सरकार पहले से ही फिलिस्तीनियों के समर्थन में आवाज उठाती रही है और उसने इस योजना का कड़ा विरोध किया है.
इजरायली सेना पर गाजा में नरसंहार का आरोप
इसी तरह अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में भी हजारों लोग इजरायल के खिलाफ सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इजरायली सेना गाजा में नरसंहार कर रही है और दुनिया से इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की है. चिली में भी सैकड़ों लोगों ने खाली बर्तन बजाकर गाजा में फैली भुखमरी की तरफ दुनिया का ध्यान खींचा. उधर, इजरायल में भी यह फैसला विवादों में है.
हमास ने इजरायल में की थी 1200 लोगों की हत्या
तेल अवीव में हमास की कैद से बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर साप्ताहिक प्रदर्शन हुआ. बंधकों के परिजनों और दोस्तों ने बैनर-पोस्टर लेकर मार्च निकाला और सरकार से हमास से समझौते की अपील की है. उनका कहना है कि गाजा पर कब्जे की कोशिश से बचे हुए बंधकों की जान को खतरा है. साल 2023 में गाजा पर शासन करने वाले हमास ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोगों की हत्या कर दी थी.
अब कूटनीतिक दबाव पर टिकी लोगों की नजरें
इस दौरान 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया था. अब तक आधे से ज्यादा बंधकों को रिहा किया जा चुका है, कई की मौत हो चुकी है और करीब 20 बंधक अब भी हमास के कब्जे में बताए जाते हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने राजनीतिक फायदे और जेल से बचने के लिए बंधकों की रिहाई में देरी कर रहे हैं. अब नजरें कूटनीतिक दबाव पर टिकी हैं.