
मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अब भारत की गिरफ्त में है और उसे 10 अप्रैल को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर दिल्ली लाया गया था. राणा की गिरफ्तारी से एक बार फिर पाकिस्तान की नाकाप करतूतों का पर्दाफाश हो गया है और पूरी दुनिया के सामने आतंकियों की पनाहगाह बन चुके इस पड़ोसी मुल्क की पोल खुल गई है. हालांकि पाकिस्तान तहव्वुर राणा के प्रत्यपर्ण के बाद शर्मिंदगी की वजह से उससे पल्ला झाड़ रहा है. यहां तक कि पाकिस्तान ने उससे किसी भी तरह के लिंक से इनकार करते हुए राणा को कनाडाई नागरिक बता दिया है.
भारत की गिरफ्तर में तहव्वुर राणा
आतंकी तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में साल 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था. उस पर मुंबई हमले के अलावा कोपेनहेगन में आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप था. मुंबई हमले के अन्य आरोपी डेविड हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर राणा को 14 साल की जेल की सजा सुनाई थी. इसके बाद उसे अमेरिकी एजेंसियों ने एनआईए को सौंप दिया, जो उसे भारत लेकर आई है. वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है.
तहव्वुर राणा पर भारत में दस से ज्यादा आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज है. इन धाराओं में हत्या, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना और भारत में साजिश करने जैसे संगीन आरोप शामिल हैं. जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि राणा की गिरफ्तारी और पूछताछ से 26/11 हमले से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आएंगी. पाकिस्तान की भूमिका, राणा के संपर्क में रहे अन्य लोगों की पहचान और हमले की पूरी साजिश कैसे रची गई, इन सभी परतों से अब पूछताछ के दौरान पर्दा उठेगा.
मुंबई हमले के बाद कसाब को जिंदा पकड़ा
पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती कराने वालों में तहव्वुर राणा अकेला नाम नहीं है. इनमें वो अजमल कसाब भी शामिल है जिसे 26/11 के मुंबई हमले के बाद जिंदा पकड़ा गया था. 26 नवंबर 2008 को 10 आतंकी समुद्री रास्ते पाकिस्तान से मुंबई पहुंचे और छोटे-छोटे गुटों में बंट गए. उन्होंने पहले से तय टारगेट पर आतंकी हमलों को अंजाम दिया. इस दौरान कराची से आतंकी हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी कंट्रोल रूम से सैटेलाइट फोन के जरिए इन आतंकियों को निर्देश दे रहे थे. करीब 60 घंटे तक चले इस हमले में भारतीय सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया और कसाब को जिंदा पकड़ा था.
मुंबई हमले को अंजाम देने वाले कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई थी. उसे पुणे की यरवडा जेल में ही दफनाया गया था. इस हमले में भी पाकिस्तान का पूरा हाथ था और लश्कर-ए-तैयबा के ही 10 आतंकियों ने मुंबई में पांच जगहों पर हमले किए थे. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे.
लादेन को घर में घुसकर मारा
आतंकियों का अड्डा कहे जाने वाले पाकिस्तान में घुसकर अमेरिकी एजेंसियों ने अलकायदा चीफ और 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था. लादेन के इशारों पर ही 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को दो विमानों ने निशाना बनाया था. इस हमले में करीब तीन हजार लोगों की जान गई थी. इसके करीब 10 साल बाद अमेरिकी सील कमांडोज ने दो मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में घुसकर लादेन को मार गिराया.
अमेरिका को लादेन के पाकिस्तान में होने का पता चला और उसने इस आतंकी को ढेर करने के लिए ऑपरेशन नेपच्यून स्पीयर शुरू किया. इसके तहत अमेरिकी सेना का खास दस्ता उस जगह पहुंचा, जहां लादेन अपने परिवार के साथ छिपा हुआ था. ये करीब दो दर्जन कमांडो थे, जो हेलीकॉप्टर से एबटाबाद पहुंचे. तीसरी मंजिल पर छिपे लादेन को आखिरी समय पर इसकी भनक लग गई, लेकिन तब तक भागने के सारे रास्ते बंद हो चुके थे. पूरे ऑपरेशन को लाइव टेलीकास्ट व्हाइट हाउस में दिखाया जा रहा था. कमांडोज ने एक के बाद एक गोलियां लादेन को मारीं. इसके तुरंत बाद लादेन का DNA टेस्ट हुआ ताकि पक्का हो जाए कि लाश उसी आतंकी की है, जो अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन था.
डी कंपनी का सरगना दाऊद इब्राहिम
पाकिस्तान में छिपकर बैठा भारत का एक और दुश्मन है दाऊद इब्राहिम. 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम को अमेरिका ने भी आतंकी घोषित कर रखा है. मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद भारत से भाग गया था. भारत की खुफिया एजेंसियां दाऊद के ठिकाने के साथ-साथ उसकी आवाज तक हासिल कर चुकी हैं. खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान में उसके उन ठिकानों तक भी पहुंचीं, जिन्हें वो अब तक दुनिया भर से छिपाता रहा है. ज्यादा वक्त नहीं हुआ, जब दाऊद की आवाज के आधार पर भारत की एजेंसियां इस नतीजे पर पहुंची थीं कि दाऊद कराची में ही है और वहीं से अपना गैरकानूनी कारोबार चला रहा है.
मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट को अंजाम देने के बाद वो भारत छोड़कर दुबई भाग गया था. उसके बाद उसने पाकिस्तान में अपना ठिकाना बनाया. अब वो अपने परिवार के साथ वहीं रहता है. उसके खिलाफ भारत में आतंकी हमला, मर्डर, अपहरण, सुपारी हत्या, संगठित अपराध, ड्रग्स, हथियारों की तस्करी जैसे कई मामले दर्ज हैं. साल 2003 में उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया गया था. साल 2011 में एफबीआई और फोर्ब्स की एक लिस्ट में उसे दुनिया का तीसरा मोस्ट वांटेड भगोड़ा अपराधी बताया गया था.
पाक में खुल्ला घूम रहा हाफिज सईद
पाकिस्तान में आतंकी खुलेआम घूमते हैं और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का चीफ हाफिज सईद उसका सबसे बड़ा उदाहरण है. पाकिस्तान हाफिज को आतंकी मानता ही नहीं और उसे धर्मगुरु को तौर पर प्रोजेक्ट करता है. जबकि वह मुंबई हमलों के पीछे सबसे बड़ी कड़ी है. हाफिज सईद ने ही हमले के लिए आतंकियों को बरगलाया था और उसी की प्लानिंग के तहत हमले को अंजाम दिया गया था.
लश्कर और जमात-उद-दावा का संस्थापक हाफिज सईद लगातार पाकिस्तान में रहकर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है. हाफिज सईद ने हेडली को मुंबई में रेकी करने के निर्देश दिए और लखवी के साथ मिलकर आतंकियों के ट्रेनिंग की निगरानी की. मुंबई हमले के दौरान भी हाफिज कराची में बैठकर आतंकियों को निर्देश दे रहा था. भारत कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हाफिज सईद और पाकिस्तान की पोल खोल चुका है और इसी वजह से संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया है.
कंधार हाईजैक का गुनहगार
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मौलाना मसूद अज़हर भी पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती की एक वजह है. मसूद अजहर भारत में हुए कई आतंकी हमलों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार रहा है. साल 1998 में कंधार विमान हाईजैक, जम्मू कश्मीर विधानसभा में हमला, 2001 में देश की संसद पर हमले के पीछे मसूद अजहर का ही हाथ था. इसी वजह से भारत के अलावा यूएन सुरक्षा परिषद ने भी मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया हुआ है.
ये भी पढ़ें: तहव्वुर राणा की टेरर स्टोरी के टॉप किरदार... ताज में हेडली, हाफिज से वैचारिक खुराक, 'चचा लखवी' से कसाब को कमांड
दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर और हाफिज सईद ऐसे आतंकी हैं जो पाकिस्तानी सरकार की सरपरस्ती में बैठे हैं और भारत लगातार इन पर एक्शन लेने की अपील करता रहा है. बावजूद इसके पाकिस्तान इन आतंकियों को पनाह देकर दुनियाभर में अपना नापाक चेहरा उजागर करता आया है और कई मौकों पर इन आतंकियों की वजह से पाकिस्तान को शर्मिंदगी उठानी पड़ती है.