चीन की राजधानी बीजिंग में तीन सितंबर को भव्य मिलिट्री परेड होने जा रही है. यह मिलिट्री परेड द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान के सरेंडर और जापानी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में होगी.
यह परेड बीजिंग के तियानमेन चौक पर आयोजित होगी, जो चीन के सैन्य प्रदर्शनों का पारंपरिक केंद्र रहा है. परेड चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक और रणनीतिक आयोजन है.
इस परेड में सैन्य टुकड़ियों, उन्नत हथियारों और सैन्य उपकरणों को पेश किया जाएगा. इस परेड का पैमाना विशाल होगा, जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित हथियारों के साथ-साथ हजारों सैनिक, सैकड़ों सैन्य वाहन, टैंक और मिसाइल शामिल होंगे.
पुतिन से लेकर किम जोंग उन तक होंगे शामिल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सहित दो दर्जन से अधिक वैश्विक नेता चीन की मिलिट्री परेड में हिस्सा लेंगे. यह 2019 के बाद किम जोंग उन की चीन की पहली यात्रा होगी.
इस परेड का उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान के खिलाफ चीन की जीत को राष्ट्रीय गौरव के रूप में पेश करना है. यह आयोजन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में राष्ट्रीय एकता और सैन्य शक्ति को मजबूत करने का एक प्रयास है, जो आंतरिक और बाहरी दोनों दर्शकों के लिए संदेश देगा.
इस परेड में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की विभिन्न शाखाओं जैसे थल सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट फोर्स, परेड में भाग लेंगी. परेड में कई विश्व नेताओं और विदेशी सैन्य टुकड़ियों को आमंत्रित किया गया है.
बेशक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन इस परेड में शामिल होंगे. चीन ने कई यूरोपीय और एशियाई देशों को आमंत्रित किया है, लेकिन जापान के विरोध के कारण कुछ देश भागीदारी से बच सकते हैं.
परेड के दौरान बीजिंग में उच्चस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगी. ड्रोन, सीसीटीवी और सैन्य पुलिस की तैनाती की जाएगी. विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल तैयार किए जा रहे हैं.
बता दें कि चीन ऐसे समय पर शक्ति प्रदर्शन करने जा रहा है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर की वजह से दुनियाभर में उथल-पुथल मची हुई है.