भारत में जून 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की क्या भूमिका थी? ब्रिटेन में विपक्षी दल लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने इस मामले की स्वतंत्र जांच करवाने की मांग की है. बता दें, जून 1984 में जब भारत में ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था, उस वक्त ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर के नेतृत्व की सरकार थी.
बताया जाता है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार से पहले भारतीय बलों को ब्रिटेन की सेना से सलाह मिली थी. इसलिए लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी, तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की भूमिका की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं.
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भारतीय सेना के अभियान ऑपरेशन ब्लू स्टार के 36 वर्ष पूरे हो गए हैं. इस मौके पर ब्रिटेन के पहले पगड़ीधारी सिख सांसद ढेसी ने गुरुवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में यह मुद्दा उठाया. उन्होंने इस पर चर्चा की भी मांग की है. ढेसी ने कहा, 'इस हफ्ते ऑपरेशन ब्लू स्टार को 36 वर्ष पूरे हो गए हैं, जब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सिखों के सबसे पवित्र स्थल अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में हमले का आदेश दिया था. '
उन्होंने कहा, 'हाल में हुए खुलासों, ब्रिटेन के सिख समुदाय की मांग और लेबर पार्टी तथा अन्य विपक्षी दलों के इसके समर्थन के बावजूद हमले में थैचर सरकार की भूमिका का पता लगाने के लिए स्वतंत्र जांच नहीं करवाई गई.'
कुछ वर्ष पहले यह खुलासा हुआ था कि ऑपरेशन ब्लू स्टार से पहले ब्रिटेन की सेना ने भारतीय बलों को ऐसा करने की सलाह दी थी. इस जानकारी के सामने आने के बाद से ही इसकी जांच कराए जाने की मांग की जा रही है. हालांकि तब ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने इस बारे में आंतरिक जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद संसद में बयान दिया गया था कि ब्रिटेन की भूमिका पूरी तरह से सलाहकार की थी और विशेष वायु सेवा की सलाह का उस अभियान पर 'सीमित असर' पड़ा था.
ऑपरेशन ब्लू स्टार: सेना ने ऐसे दिया था कार्रवाई को अंजाम
क्या है ऑपरेशन ब्लू स्टार?
ऑपरेशन ब्लू स्टार अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से अलगाववादियों को खाली कराने का अभियान था, जो बीते 3 वर्षों से वहां डेरा जमाए बैठै थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर सेना का यह ऑपरेशन मुख्य तौर पर 3 से 8 जून 1984 तक चला. हालांकि, इस अभियान की रणनीति पर काफी पहले से काम शुरू हो चुका था.