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ब्रिटिश F-35B की अब जापान में आपात लैंडिंग, भारत में 37 दिन रहा था ग्राउंडेड, सवालों के घेरे में US मेड फाइटर जेट

अमेरिका निर्मित ब्रिटिश F-35B लड़ाकू विमान में खराबी आने का यह दूसरा हालिया मामला है. इससे पहले 14 जून को, ब्रिटेन से ऑस्ट्रेलिया जा रहे एक F-35B लड़ाकू विमान को हाइड्रोलिक फेलियर के बाद भारतीय राज्य केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी.

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 ब्रिटिश रॉयल नेवी के F-35B जेट की जापानी हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग. (File Photo: Reuters)
ब्रिटिश रॉयल नेवी के F-35B जेट की जापानी हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग. (File Photo: Reuters)

ब्रिटिश रॉयल नेवी के एक F-35B फाइटर जेट को तकनीकी खराबी आने के बाद जापान के कागोशिमा एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. इस कारण कुछ निर्धारित उड़ानों में देरी हुई. ब्रिटिश रॉयल नेवी ने एक बयान में कहा, 'हमें पता चला है कि एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स से उड़ान भरने के बाद तकनीकी समस्या के कारण आज एफ-35B लड़ाकू विमान को जापान के कागोशिमा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. विमान का निरीक्षण किया जा रहा है और वह जल्द से जल्द कैरियर स्ट्राइक ग्रुप पर वापस चला जाएगा.' 

कागोशिमा एयरपोर्ट ऑफिस ने बताया कि पायलट द्वारा एयर ट्रैफिक कंट्रोल को तकनीकी समस्या की सूचना दिए जाने के बाद विमान ने स्थानीय समयानुसार सुबह 11:30 बजे इमरजेंसी लैंडिंग की. जापान के सरकारी न्यूज चैनल NHK के फुटेज में देखा गया कि विमान रनवे के पास खड़ा था और उसमें कोई नुकसान नहीं दिखाई दे रहा था. NHK ने एयरपोर्ट ऑफिस के हवाले से बताया कि पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क कर बताया  कि उसके विमान में मैकेनिकल प्रॉब्लम आ रही है और वह इमरजेंसी लैंडिंग करना चाहता है. 

F-35B

भारत में 5 सप्ताह तक फंसा रहा था F-35 विमान 

ब्रिटिश लड़ाकू विमान की लैंडिंग के बाद, कागोशिमा एयरपोर्ट ने अपना रनवे करीब 20 मिनट के लिए बंद कर दिया, जबकि F-35B को टैक्सीवे पर ले जाया गया और सुरक्षा जांच की गई. इस कारण पहले से निर्धारित 6 उड़ानें प्रभावित हुईं. अमेरिका निर्मित ब्रिटिश F-35B लड़ाकू विमान में खराबी आने का यह दूसरा हालिया मामला है. इससे पहले 14 जून को, ब्रिटेन से ऑस्ट्रेलिया जा रहे एक F-35B लड़ाकू विमान को हाइड्रोलिक फेलियर के बाद भारतीय राज्य केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी. ब्रिटेन के लिए उड़ान भरने की अंतिम मंजूरी मिलने से पहले यह विमान 5 सप्ताह तक तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर ही ग्राउंडेड रहा.

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यह भी पढ़ें: ट्रंप के टैरिफ वॉर से अमेरिका का बड़ा नुकसान! 88 F35 फाइटर जेट की डील कनाडा कर सकता है रद्द

जापान के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि पांचवीं पीढ़ी का यह स्टील्थ फाइटर जेट ब्रिटिश रॉयल नेवी के एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, जो वर्तमान में इंडो-पैसिफिक रीजन में तैनात है. ब्रिटिश नेवी के इस युद्धपोत ने हाल ही में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास पूरा किया है. एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स और उसके साथ के कई युद्धपोत इस क्षेत्र में जापान सेल्फ डिफेंस फोर्स और अमेरिकी सेना के साथ संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं, जो 12 अगस्त तक जारी रहेगा. 

भारत को यही F-35B जेट बेचना चाहता है अमेरिका 

दो महीने के अंदर तकनीकी खराबी और इमरजेंसी लैंडिंग की इस दूसरी घटना ने अमेरिका निर्मित F-35B फाइटर जेट की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है. अमेरिका इसे भारत को बेचना चाहता है, लेकिन इंडियन एयरफोर्स ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. इसके पीछे मुख्य कारण है इस विमान के रखरखाव पर आने वाली अत्यधिक और लॉजिस्टिक सपोर्ट में देरी. इसके बजाय भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए स्वदेशी उत्पादन और तकनीकी विकास को प्राथमिकता दे रहा है. स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट, जो पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट विकसित करने पर केंद्रित है, भारत की आत्मनिर्भरता की रणनीति का हिस्सा है.

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