पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री पद की रेस में वर्तमान विदेश मंत्री जेरेमी हंट को हराया. जॉनसन को ब्रिटेन की सत्तारुढ़ कंजरवेटिव पार्टी में नेता पद के लिए हुए चुनाव में 87.4% वोट मिले.
पिछले महीने देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री टेरेसा मे के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन एक नए नेता की तलाश में था. टेरेसा मे ने पिछले महीने 7 जून को कंजरवेटिव पार्टी के नेता के तौर पर इस्तीफा दे दिया था जिससे उनके बाद इस शीर्ष पद को संभालने की दौड़ आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई जिसके बाद जॉनसन मंगलवार को अगले प्रधानमंत्री के रूप में चुन लिए गए. टेरेसा मे को बतौर प्रधानमंत्री ब्रेग्जिट को उसके मुकाम तक पहुंचाने में नाकाम रहने के बाद पद छोड़ना पड़ा था.
एलेक्जेंडर बोरिस दे फेफेल जॉनसन जिन्हें बोरिस जॉनसन के नाम भी जाना जाता है. प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद बोरिस जॉनसन जब 10 डाउनिंग स्ट्रीट में प्रवेश करेंगे, तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ब्रेग्जिट (Brexit) विवाद को खत्म करने की होगी. पिछले महीने बोरिस जॉनसन ने कहा था कि 31 अक्टूबर तक हम अपने प्लान को हर हाल में अमलीजामा पहनाएंगे, डू ऑर डाई, चाहे जो कुछ भी हो.UK media: Boris Johnson elected the next UK Prime Minister (file pic) pic.twitter.com/6ly3zGW4dK
— ANI (@ANI) July 23, 2019
ब्रिटेन को इस साल 31 अक्टूबर तक यूरोपियन यूनियन (ईयू) से अलग होने की प्रक्रिया पूरी करनी है.
बोरिस जॉनसन ईयू से बिना किसी डील के बाहर निकलना चाहते हैं, लेकिन उनका यह फैसला ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए जोर का झटका साबित हो सकता है. इस फैसले के बाद ब्रिटेन एक झटके में दुनिया की एक शक्तिशाली आर्थिक संगठन से बाहर हो जाएगा. दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था में शुमार ब्रिटेन पर इसका व्यापक असर पड़ेगा. आलोचकों का कहना है कि अगर बोरिस जॉनसन ऐसा कोई कदम उठाते हैं तो दुनिया में आर्थिक सत्ता के तौर पर ब्रिटेन की स्थिति कमजोर होगी.