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बांग्लादेश में 2 घंटे तक वहशी बनी रही भीड़... हिंदू युवक को मारा, फिर लाश डिवाइडर से लटका दी

बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले के भालुका में अपमानजनक टिप्पणी के आरोप पर उग्र भीड़ ने हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी. भीड़ ने शव घसीटा, हाईवे जाम किया, डिवाइडर पर लटकाया और आग लगा दी.

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शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद सुलगा बांग्लादेश (Photo: AP)
शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद सुलगा बांग्लादेश (Photo: AP)

बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले के भालुका में गुरुवार रात एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की उग्र भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. यह घटना रात करीब 9:15 बजे पायनियर निटवेयर्स फैक्ट्री के सामने हुई. मिल मजदूर दीपू पर पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था. घटना के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने बयान जारी करते हुए घटना की निंदा की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.

आक्रोशित भीड़ ने मृतक के शव को सड़क पर घसीटा और ढाका-मैमनसिंह हाईवे जाम कर दिया.

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने शव को रोड डिवाइडर पर लटकाकर करीब दो घंटे तक जश्न मनाया और फिर उसमें आग लगा दी. पुलिस और सेना ने आखिरकार स्थिति पर नियंत्रण पाकर शव को कब्जे में लिया.

अपमान के आरोप और फैक्ट्री पर भीड़ का हमला

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, दीपू चंद्र दास फैक्ट्री के लिंकिंग सेक्शन में काम करता था. शाम को काम के दौरान उसने अपने एक साथी से पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की. यह खबर तेजी से फैक्ट्री के बाहर फैल गई. देखते ही देखते मिल के गेट पर 1,500 से 2,000 लोगों की भीड़ जमा हो गई. भीड़ जबरन फैक्ट्री के अंदर घुसने की कोशिश करने लगी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और फैक्ट्री कर्मचारियों के बीच काफी तीखी बहस और गुस्सा देखा गया.

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पुलिस को पीछे धकेल कर युवक को निकाला बाहर

गुस्साई भीड़ ने फैक्ट्री का गेट तोड़ दिया और अंदर मौजूद दीपू को बाहर खींच लिया. भीड़ ने उसे बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. मौके पर मौजूद पुलिस की टीम ने भीड़ को रोकने की कोशिश की लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन पर हमला कर दिया. पुलिस को सेल्फ डिफेंस में वहां से भागना पड़ा. भीड़ के हिंसक हमले की वजह से दीपू चंद्र दास की मौके पर ही मौत हो गई. स्थिति इतनी अनियंत्रित हो गई थी कि सुरक्षा बल तुरंत कार्रवाई नहीं कर पाए.

शव को लटकाया गया...

भीड़ ने हत्या के बाद मृतक के शव को नग्न अवस्था में घसीटते हुए ढाका-मैमनसिंह हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया. भीड़ ने शव को सड़क के बीच लगे डिवाइडर के पेड़ से लटका दिया. वहां मौजूद हजारों लोगों ने करीब दो घंटे तक जुलूस निकाला और जश्न मनाया. भीड़ लगातार नारेबाजी कर रही थी. रात करीब 11:15 बजे प्रदर्शनकारियों ने लटके हुए शव पर मिट्टी का तेल छिड़का और उसे आग के हवाले कर दिया. यह पूरा मंजर हाईवे पर मौजूद लोगों के लिए खौफनाक था.

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अभी क्या हालात?

वारदात की सूचना मिलते ही भालुका उपजिला कार्यकारी अधिकारी, पुलिस और सेना के जवान मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने आग बुझाकर शव को अपने कब्जे में लिया और उसे भालुका मॉडल थाना ले जाया गया. उपजिला कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद फिरोज हुसैन ने पुष्टि की है कि पैगंबर मोहम्मद साहब के अपमान की घटना के बाद एक शख्स की जान गई है. फैक्ट्री प्रशासन ने इस मामले पर फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. फिलहाल, इलाके में स्थिति सामान्य बताई जा रही है और पुलिस सुरक्षा बल तैनात हैं.

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'किसी को बख्शा नहीं जाएगा...'

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को मैमनसिंह में एक हिंदू व्यक्ति की लिंचिंग की कड़ी निंदा की, और ज़ोर देकर कहा कि जिसे उसने "नया बांग्लादेश" बताया, उसमें सांप्रदायिक नफरत या भीड़ हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. एक बयान में, सरकार ने कहा, "इस क्रूर हत्या में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा." प्रशासन ने आगजनी, तोड़फोड़, डर फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ भी चेतावनी जारी की और बांग्लादेश के लोकतांत्रिक बदलाव में अराजकता पैदा करने और बाधा डालने की कोशिश करने वाली ताकतों को आगाह किया.

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(ढाका से जुनैद ख़ान के इनपुट के साथ)

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