अमेरिका ने विदेशी ट्रक ड्राइवरों को कमर्शियल लाइसेंस देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. भारत से रोजगार की चाहत में अमेरिका जा रहे बेरोजगार युवाओं के लिए ये एक दुखद खबर है. अगर भारत से तुलना करें तो यहां के मुकाबले अमेरिका में ट्रक ड्राइवर का पेशा सम्मानजनक, पैसे वाला और बेहतर जिंदगी ऑफर करने वाला माना जाता है. अमेरिका में ट्रक ड्राइवर की लाइफ इतनी सुरक्षित और सम्मानित है कि भारत से कई युवा लड़कियां वहां जाकर ट्रक चला रही हैं. नई उम्र की ये लड़कियां अमेरिकी हाईवे पर ड्राइविंग के अपने अनुभवों को यूट्यूब पर डाल रही हैं.
लेकिन परदेश में अच्छी जिंदगी का ये सपना अब खत्म होने वाला है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अमेरिकी सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि हम तत्काल प्रभाव से कमर्शियल ट्रक चालकों के लिए सभी प्रकार के वर्कर वीजा जारी करने पर रोक लगा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "अमेरिकी सड़कों पर बड़े ट्रैक्टर-ट्रेलर ट्रक चलाने वाले विदेशी चालकों की बढ़ती संख्या अमेरिकी जीवन को खतरे में डाल रही है और अमेरिकी ट्रक चालकों की आजीविका को प्रभावित कर रही है."
फैसले की वजह क्या है?
विदेशी ट्रक ड्राइवरों को कमर्शियल लाइसेंस पर रोक की तात्कालिक वजह एक भारतीय ट्रक ड्राइवर की दुर्घटना बताई जा रही है.
हरजिंदर सिंह एक भारतीय मूल का ट्रक ड्राइवर था. उसने सितंबर 2018 में अवैध रूप से कैलिफोर्निया में अमेरिका-मेक्सिको सीमा पार की थी. 2021 में बाइडेन प्रशासन ने उन्हें वर्क परमिट और कैलिफोर्निया में कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस दिया. आरोप है कि 12 अगस्त 2025 को फ्लोरिडा टर्नपाइक पर हरजिंदर ने गलत यू-टर्न लिया. इस दौरान एक मिनीवैन उनके ट्रक से टकरा गई और तीन लोगों की मौत हो गई.
हरजिंदर सिंह को वाहन की वजह से हुई हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया और डिपोर्टेशन का सामना करना पड़ रहा है. इस घटना ने अमेरिका में अवैध आप्रवासन और ट्रकिंग उद्योग में ड्राइवरों की जांच प्रक्रिया पर बहस छेड़ दी.
Effective immediately we are pausing all issuance of worker visas for commercial truck drivers.
— Secretary Marco Rubio (@SecRubio) August 21, 2025
The increasing number of foreign drivers operating large tractor-trailer trucks on U.S. roads is endangering American lives and undercutting the livelihoods of American truckers.
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार अमेरिकी परिवहन विभाग ने खुलासा किया है कि फ्लोरिडा हाईवे पर अवैध रूप से यू-टर्न लेने के कारण हुई दुर्घटना में तीन लोगों की मौत के आरोपी भारतीय अप्रवासी ट्रक चालक ने इस दुर्घटना के बाद अंग्रेजी भाषा की दक्षता और सड़क चिह्न की टेस्टिंग में बुरी तरह से फेल रहा है.
अखबार के अनुसार 12 अप्रैल की दुर्घटना के बाद संघीय मोटर वाहक सुरक्षा प्रशासन द्वारा अंग्रेजी भाषा दक्षता के लिए लिए गए परीक्षण में हरजिंदर सिंह ने 12 में से केवल दो प्रश्नों के सही उत्तर दिए थे.
और जब उससे हाईवे चिह्न और उनके अर्थ पढ़ने के लिए कहा गया तो सिंह ने चार चिह्नों में से केवल एक ही पहचान का अर्थ सही बता पाया.
इसके बाद अब अमेरिकी सरकार ने विदेशी ट्रक ड्राइवरों के लिए वर्क वीजा पर तत्काल रोक लगा दी है.
ट्रंप की पार्टी ने दुर्घटना को राजनीतिक रंग दिया
हरजिंदर सिंह का ट्रक एक्सीडेंट यूं तो एक सड़क दुर्घटना थी, लेकिन अमेरिका में इसने राजनीतिक रंग ले लिया. इसकी वजह ये थी कि हरजिंदर सिंह कैलिफोर्नियां में रहते थे और उन्होंने वही से लाइसेंस लिया था. लेकिन कैलिफोर्नियां में ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक पार्टी की सत्ता है. डेमोक्रेटिक पार्टी ट्रंप की सख्त माइग्रेशन नीतियों का विरोध करती है.
ट्रंप प्रशासन ने कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूज़ॉम पर इसकी जिम्मेदारी थोपी. क्योंकि हरजिंदर को लाइसेंस इसी राज्य ने जारी किया था,
कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूज़ॉम के कार्यालय ने ट्रंप के आरोपों के जवाब में कहा कि हरजिंदर सिंह को वर्क परमिट वहां की संघीय सरकार यानी कि केंद्र सरकार ने जारी किया था.
इस दुर्घटना से पहले ही रिपब्लिकन सांसद विदेशी ट्रक चालकों पर निशाना साध रहे थे और अप्रवासियों से सीधे संबंध का सबूत दिए बिना दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे थे.
अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों की सैलरी कितनी है
अमेरिका में विदेशियों के लिए ट्रक ड्राइविंग का सबसे बड़ा आकर्षण वहां मिलने वाली सैलरी है. अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों को तनख्वाह उनके अनुभव, काम के घंटे और उनकी कार्यक्षमता पर मिलती है.
अमेरिका में कई ट्रक ड्राइवरों को प्रति मील के हिसाब से भुगतान किया जाता है. औसतन यह दर $0.6 से $0.7 प्रति मील है. एक ड्राइवर जो प्रतिदिन 500-600 मील चलाता है, वह प्रति माह $5,000 से $8,000 यानी कि लगभग 4.2 लाख से 6.7 लाख रुपये हर महीने कमा सकता है.
कुछ ड्राइवरों को प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान मिलता है, जो औसतनलगभग 1,680 से 2,520 रुपये हो सकता है. यह अनुभव और कंपनी के आधार पर अलग अलग होता है.
2023 में अमेरिका में ट्रक ड्राइवरों की औसत वार्षिक सैलरी लगभग 40 लाख रुपये है. कुछ स्रोतों के अनुसार वॉलमार्ट, अमेजॉन जैसी दिग्गज कंपनियां $95,000 से $110,000 यानी कि लगभग 80 लाख से 92 लाख रुपये सालाना भी देती हैं.
अमेरिका में कितने विदेशी ट्रक ड्राइवर हैं
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में विदेशी मूल के ट्रक ड्राइवरों की संख्या 2000 और 2021 के बीच दोगुनी से भी ज़्यादा बढ़कर 7,20,000 हो गई थी.
विदेशी मूल के ड्राइवर अब इस उद्योग का 18 प्रतिशत हिस्सा हैं. जो संयुक्त राज्य अमेरिका के लेबर मार्केट के अनुसार ही है.
अमेरिकी ट्रक इंडस्ट्री के अनुसार आधे से ज़्यादा विदेशी मूल के ड्राइवर लैटिन अमेरिका से आते हैं, जिनमें से हाल के वर्षों में भारत और पूर्वी यूरोपीय देशों विशेष रूप से यूक्रेन से आने वालों की संख्या काफी ज़्यादा है.
अमेरिका में ट्रक चलाने वाले भारत के ज्यादातर लोग पंजाब-हरियाणा जैसे राज्यों से आते हैं. 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार कैलिफोर्निया में अकेले दसों हजार ट्रक ड्राइवर भारतीय मूल के हैं, जिनमें अधिकांश सिख समुदाय से हैं. इसके अलावा 2018 की एक सीबीएस न्यूज़ रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले दो वर्षों में 30,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकी सिख ट्रकिंग उद्योग में शामिल हुए हैं.