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सीरिया में अपने तीन नागरिकों की मौत से बौखलाया अमेरिका, ISIS के दर्जनों ठिकानों पर बरसाए बम

अमेरिका ने सीरिया के पल्मायरा में 13 दिसंबर को अपने सैनिकों पर हुए हमले का बदला लेते हुए ISIS के खिलाफ ऑपरेशन 'हॉकआई स्ट्राइक' शुरू किया है. अमेरिकी स्ट्राइक में आतंकी संगठन के कई लड़ाके मारे गए हैं.

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अमेरिका ने सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों पर बम बरसाए. (File Photo: AP)
अमेरिका ने सीरिया में आईएसआईएस के ठिकानों पर बम बरसाए. (File Photo: AP)

सीरिया में हुए एक हमले में दो अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद अमेरिका ने शनिवार को आतंकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड इराक' (ISIS) के दर्जनों ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की. यह हमला 13 दिसंबर को मध्य सीरियाई शहर पल्मायरा में हुए घातक हमले का सीधा जवाब है, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक सिविलियन इंटरप्रेटर मारे गए थे, जबकि तीन अन्य सैनिक घायल हुए थे.

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने एक बयान में कहा कि पल्मायरा में हुए घातक हमले के जवाब में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ एक सैन्य अभियान शुरू किया है. हेगसेथ ने X पर एक पोस्ट में लिखा, 'अमेरिकी सेना ने मध्य सीरिया के पल्मायरा शहर में 13 दिसंबर को हुए हमले के जवाब में, जिसमें हमारे दो सैनिकों और एक सिविलियन की मौत हो गई थी, सीरिया में आईएसआईएस लड़ाकों, उनके बुनियादी ढांचे और हथियार स्थलों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक शुरू किया है.'

उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी दी, 'जैसा कि हमने उस बर्बर हमले के तुरंत बाद कहा था, अगर आप दुनिया में कहीं भी अमेरिकियों को निशाना बनाते हैं, तो आप अपनी छोटी, चिंता भरी जिंदगी का बाकी हिस्सा यह जानते हुए बिताएंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका आपका पीछा करेगा, आपको ढूंढ निकालेगा और बेरहमी से आपको मार डालेगा.' हेगसेथ ने दावा किया कि अमेरिकी सेना ने हमलों के दौरान इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों को भारी नुकसान पहुंचाया है.

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उन्होंने कहा, 'आज हमने अपने दुश्मनों का शिकार किया और उनमें से बहुतों को मार गिराया. और हम यह सिलसिला जारी रखेंगे.' बता दें कि 13 दिसंबर को पल्मायरा में एक बंदूकधारी ने अमेरिकी और सीरियाई सेनाओं के काफिले पर गोलीबारी की थी, जिसमें दो अमेरिकी सैनिकों और एक ट्रांसलेटर की मौत हो गई और तीन अन्य सैनिक घायल हो गए. हमलावर को बाद में मार गिराया गया था. 

अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, हमलावर सीरियाई सुरक्षा बलों का सदस्य था, जिसके खिलाफ कट्टरपंथी विचारों के कारण बर्खास्तगी की कार्रवाई होने वाली थी. हालांकि ISIS ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन अमेरिका ने इसे ISIS से जुड़ा मानकर जवाबी कार्रवाई की. सीरिया में बशर अल-असद सरकार के पतन के एक साल बाद सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर यह पहला हमला था. सीरिया में अब भी सैकड़ों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो ISIS के बचे-खुचे लड़ाकों के खिलाफ सैन्य अभियान चला रहे हैं. 

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