
यमुना नदी का रौद्र रूप उत्तर प्रदेश के आगरा में कहर ढा रहा है. नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान का खतरा पैदा हो गया है. वहीं, हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
आगरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
यमुना नदी का जलस्तर आज, 10 सितंबर को सुबह 10 बजे 152.715 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 152.400 मीटर से ऊपर है. नदी का बहाव अब घट रहा है. बीती रात के मुकाबले 12 घंटे में जलस्तर में लगभग 120 सेंटीमीटर की कमी आई है. इस बाढ़ से ताजमहल की दीवार तक पानी पहुंच गया है, और पीछे का गार्डन पूरी तरह डूब गया है. एतमाद-उद-दौला के 12 कमरों में भी पानी भर गया है.

श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार में दिक्कत
बाढ़ के कारण यमुना के किनारे बने दाह संस्कार स्थलों में भी पानी भर गया है, जिससे मृतकों के अंतिम संस्कार में भारी दिक्कतें आ रही हैं. पोइया घाट और ताजगंज श्मशान घाट सहित कई जगहों पर शवों का अंतिम संस्कार सड़क किनारे या खेतों में किया जा रहा है. विद्युत शवदाह गृह में पानी घुसने से बिजली की आपूर्ति काट दी गई है. स्थानीय लोगों को सूखी लकड़ियों का इंतजाम करने में भी परेशानी हो रही है.

राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर लोग
बाढ़ से हजारों लोग बेघर हो गए हैं और राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. प्रशासन की ओर से शिविरों में खाने-पीने का इंतजाम किया गया है. फतेहपुर सीकरी में भी बाढ़ का प्रकोप है, जहां भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल ने आयुक्त शैलेंद्र सिंह के साथ बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया. जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने लोगों से नदी से दूर रहने की अपील की है.