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वाराणसी: बेदखली के आदेश से नाराज बुजुर्ग ने तहसील परिसर में लगाई आग, BHU ट्रॉमा सेंटर में भर्ती

वाराणसी के राजातालाब तहसील परिसर में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया जब एक बुजुर्ग ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली. जानकारी के मुताबिक ग्राम सभा की जमीन पर कब्जे को लेकर तहसील प्रशासन ने बेदखली आदेश जारी किया था. इससे आहत बुजुर्ग ने आत्मदाह का प्रयास किया. गंभीर रूप से झुलसे बुजुर्ग को BHU ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है.

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आहत बुजुर्ग ने किया आत्मदाह का प्रयास.(Photo: Roushan Kumar/ITG)
आहत बुजुर्ग ने किया आत्मदाह का प्रयास.(Photo: Roushan Kumar/ITG)

वाराणसी के राजातालाब तहसील परिसर में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया जब 58 वर्षीय बुजुर्ग वशिष्ठ नारायण गौड़ ने खुद को आग के हवाले कर दिया. घटना तहसील परिसर स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर की है, जहां बुजुर्ग ने पहले लगभग आधे घंटे तक पूजा की और फिर कमंडल में लाए पेट्रोल को अपने ऊपर उड़ेलकर आग लगा ली. 

दरअसल, तहसील परिसर में अचानक आग की लपटें उठते ही अफरातफरी मच गई. मौके पर मौजूद वकील और कर्मचारियों ने किसी तरह आग बुझाई, लेकिन तब तक वशिष्ठ गंभीर रूप से झुलस चुके थे. आनन-फानन में उन्हें BHU ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है. पुलिस और प्रशासन पूरे मामले की जांच में जुटा है.

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अधिकारियों के अनुसार वशिष्ठ नारायण जोगापुर भोरकला, थाना मिर्जामुराद के निवासी हैं और ग्राम सभा की भूमि पर अवैध कब्जा किए हुए थे. इसी जमीन पर गांव के लिए पानी की टंकी का निर्माण किया जा चुका था. तहसीलदार राजातालाब की अदालत ने धारा 67 उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के अंतर्गत सुनवाई कर उनके खिलाफ बेदखली का आदेश पारित किया था. इसके बाद वशिष्ठ ने अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के न्यायालय में अपील की थी, जिसे भी खारिज कर दिया गया.

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मामले को लेकर ADAM ने कही ये बात

एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि वशिष्ठ नारायण के पास पहले से ही पर्याप्त संपत्ति है. उनके तीन बेटे, एक मकान और लगभग 10 एकर जमीन जोगापुर में ही मौजूद है. इसके बावजूद उन्होंने ग्राम सभा की जमीन खाली करने से इनकार कर दिया था. अधिकारियों का कहना है कि बेदखली आदेश से आहत होकर उन्होंने यह कदम उठाया. फिलहाल BHU ट्रॉमा सेंटर में उनका इलाज वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में जारी है.

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