कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश के मेरठ में हाई लेवल मीटिंग हुई. इसमें चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह, डीजीपी राजीव कृष्ण और कई जोन के एडीजी समेत तमाम ऑफिसर मौजूद रहे. इसके साथ ही मीटिंग में चार अन्य राज्यों के सीनियर अधिकारी भी शामिल रहे. मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए डिटेल जानकारी दी गई. आइए जानते हैं...
मेरठ में हुई इस हाई लेवल मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए यूपी के चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि कांवड़ यात्रा का सुरक्षित और सुचारू समापन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सिंह ने कहा, "यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी बाहरी व्यक्ति (कांवड़ियों के लिए बनाए गए) शिविरों में प्रवेश न करे. साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा कि कांवड़ियों को पेयजल, भोजन और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलनी चाहिए. उन्होंने लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई के अधिकारियों को कांवड़ यात्रा मार्ग पर सड़कों की मरम्मत करने का निर्देश दिया.
विद्युत विभाग को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिजली के खंभों को पॉलीथीन से ढकने और ट्रांसफार्मरों के चारों ओर बैरिकेड लगाने के निर्देश भी दिए गए. खाद्य विभाग को भोजनालयों और ढाबों में भोजन की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए गए ताकि फ़ूड पॉइज़निंग की घटनाएं न हों.
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चीफ सेक्रेटरी ने आगे कहा कि डीजे की ऊंचाई निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए और अश्लील गाने नहीं बजाए जाने चाहिए. निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार, कांवड़ियों के लिए शिविर सड़कों से दूर स्थापित किए जाने चाहिए.
अधिकारी ने कहा कि सांप के काटने की स्थिति में, कांवड़ियों को तुरंत अस्पताल ले जाया जाना चाहिए और उन्हें एंटीवेनम दिया जाना चाहिए। उन्होंने सभी कांवड़ियों की स्वास्थ्य जांच के महत्व पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि कांवड़ियों को अपने पहचान पत्र साथ रखने चाहिए और उन्हें ट्रेनों की छतों पर यात्रा करने से रोकने के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. अधिकारी ने कहा कि प्लेटफार्मों पर भीड़ प्रबंधन की भी व्यवस्था की जानी चाहिए.
मीटिंग में मौजूद उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दो दिनों के भीतर सभी अधिकारियों और कांस्टेबलों को उनकी ड्यूटी के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया.
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उन्होंने यात्रा के दौरान डीजे प्रतियोगिताओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया और कहा कि स्थानीय निवासियों को किसी भी मार्ग परिवर्तन के बारे में पहले से सूचित किया जाना चाहिए.
डीजीपी ने किसी भी गलत सूचना का मुकाबला करने के महत्व पर जोर दिया और अधिकारियों से जन जागरूकता बढ़ाने को कहा. उन्होंने कहा कि आपराधिक तत्वों पर कड़ी नज़र रखी जाए और कोई भी अप्रिय गतिविधि नज़र आने पर तुरंत कार्रवाई की जाए.
बाद में 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए डीजीपी ने निर्देश दिया है कि कांवड़ यात्रा से संबंधित सभी व्यवस्थाओं और तैयारियों की जानकारी कांस्टेबल स्तर के कर्मियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए तुरंत दी जाए.
उन्होंने कहा, "दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, न केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर, बल्कि संपर्क मार्गों और राज्य राजमार्गों पर भी सतर्कता बरतें और दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए उचित यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करें."
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उन्होंने आगे कहा, "कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे की ऊंचाई, चौड़ाई और ध्वनि स्तर से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें, जिसमें कांवड़ के उद्गम स्थलों पर तैनात पुलिस अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं."
डीजीपी ने जोर देकर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता कांवड़ यात्रा के दौरान अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है- सक्रिय खुफिया जानकारी जुटाना, त्वरित पुलिस कार्रवाई, अफवाहों पर नियंत्रण और सोशल मीडिया पर तुरंत प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना.
उन्होंने कहा, "श्रद्धालुओं की आस्था और परंपराओं का सम्मान करते हुए यह स्पष्ट कर दिया गया कि सुदृढ़ कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए विघटनकारी तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा."