उत्तर प्रदेश के संभल दंगों का सच सामने आने के बाद उदयपुर फाइल्स फिल्म के निर्माता द्वारा संभल पर आधारित फिल्म बनाने का ऐलान किया गया है. इस फिल्म का नाम रलिव-गलिव-चलिव होगा. उदयपुर फाइल्स फिल्म के निर्माता के मुताबिक फिल्म का यह नाम कुछ समय पहले तक कश्मीर और बंगाल में लगने वाले रलिव-गलिव-चलिव के नारों पर रखा गया है. वहीं फिल्म निर्माता की माने तो अगले महीने से कंपनी संभल में फिल्म की शूटिंग भी शुरू करने जा रही है.
हिंदुओं को पकड़-पकड़कर मारा: अमित जानी
फिल्म निर्माता अमित जानी ने कहा कि जब मैं संभल में कस्बे-कस्बे गांव-गांव घूम रहा हूं तो यहां पर पता चला है कि यहां पर बहुत से लोगों को मारा गया है. संभल की जमीन में हिंदुओं की लाशें दफन हैं. जानी के मुताबिक जिस तरह से कश्मीर में सन 1990 में दंगा हुआ था, वैसे ही 1978 में भी संभल में दंगा हुआ था. दंगे के दौरान हिंदुओं को पकड़कर मारा गया था.
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किसी को काटकर कुएं में डाल दिया गया, किसी के हाथ पैर काट दिए गए और किसी को जलते टायरों में डाल दिया गया और बाद में उनकी कोई रिपोर्ट भी नहीं लिखी गई. उस समय का प्रशासन भी हाथ पैर रखकर बैठ गया था. पता यह भी चला कि उस दौरान यहां पर कांग्रेस की सरकार थी. बताया गया कि सन 2004-5 में यहां की चार लड़कियों को उठा लिया गया था और उठाने वाला व्यक्ति एक बड़े कैबिनेट मिनिस्टर का बेटा था और मुलायम सिंह यादव उस समय के मुख्यमंत्री थे. जिसकी वजह से मुकदमा भी दर्ज नहीं हुआ था.
उठाने वाला व्यक्ति मुसलमान था और जिन लड़कियों को उठाया गया था वह हिंदू थीं. देशभर में जितनी लड़कियां उठाई जाती थीं वह संभल लाई जाती थीं और संभल से जो लड़कियां उठाई जाती थीं उनको दूसरे शहरों में ले जाकर रखा जाता था. संभल में ह्यूमन ट्रैफिकिंग होती थी और संभल लव जिहाद का बड़ा अड्डा रहा है. इन्हीं चीजों को देखकर लगता है कि यही सभी चीज इस फिल्म में रहेगी और हिंदुओं का पलायन क्यों और कैसे हुआ यह तमाम विषय भी फिल्म में दिखेगी.
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फिल्म निर्माता अमित जानी ने बताया कि इस फिल्म के डायरेक्टर उदयपुर फाइल्स को डायरेक्ट करने वाले भारत श्रीनेत होंगे. हम लोग मिलकर लगातार इस पर ही काम कर रहे हैं. फिल्म निर्माता ने बताया कि मुझे जानकारी मिली है कि दंगे के दौरान एक व्यक्ति को 309 बार चाकू मारकर हत्या की गई.
फिल्म निर्माता ने कहा कि जब पहले मंदिर तोड़ा गया होगा तब भी आक्रमणकारियों की यही मानसिकता रही होगी. इन्हीं चीजों को हम फिल्म में दिखाने जा रहे हैं. यह फिल्म 1973, 1976 और 1978 और इसके बाद 90 के दशक में जो कुछ भी संभल में हुआ वह सभी कुछ दिखाया जाएगा.