मोहर्रम के जुलूसों और आगामी सावन माह को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा दिशा-निर्देश जारी होते ही संभल में पुलिस और प्रशासनिक अफसर सड़कों पर उतर गए हैं. संभल के डीएम और एसपी ने पुलिस प्रशासन के अफसरों और रैपिड रिएक्शन फोर्स और PAC के जवानों के साथ पैदल मार्च किया है. मोहर्रम जुलूस वाले मार्गों पर पैदल मार्च करते हुए अफसर संवेदनशील इलाकों से निकले.
दरअसल, बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फील्ड में तैनात अफसरों को मोहर्रम के जुलूस और आगामी सावन माह को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे. CM योगी के दिशा निर्देश मिलते ही अति संवेदनशील शहरों में गिने जाने वाले संभल में डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया और एसपी केके बिश्नोई ने सिटी मजिस्ट्रेट, एडिशनल एसपी, एसडीएम और सीओ सहित रैपिड रिएक्शन फोर्स और पीएसी के जवानों के साथ पैदल मार्च किया है.
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी रैपिड रिएक्शन फोर्स और भारी पुलिस बल के साथ मोहर्रम के जुलूस वाले मार्गों पर पैदल मार्च करते हुए संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पहुंचे. जहां अधिकारियों ने थाना प्रभारियों को मिश्रित आबादी वाले इलाकों में मोहर्रम के जुलूस के दौरान पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए.
वहीं मुख्यमंत्री के सख्त दिशा-निर्देश मिलने के बाद अब मोहर्रम के जुलूस को लेकर शहर की कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अधिकारी एक बार फिर जुट गए है जिससे कि कोई भी असामाजिक तत्व मोहर्रम के जुलूस के दौरान लायन आर्डर को खराब ना कर सके.
पुलिस ऑफिसर्स अधिकारियों के द्वारा अधीनस्थ अफसर को ताजियों की ऊंचाई को लेकर जारी गाइडलाइंस का भी पालन करने के निर्देश दिए हैं.
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जहां एक तरफ कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एसपी केके बिश्नोई की तरफ से थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन के स्तर पर भी तैयारियां की जा रही है. जहां मोहर्रम के जुलूस के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट की भी ड्यूटी लगाई गई है.
एसपी केके बिश्नोई ने बताया कि शासन के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए हमारे द्वारा क्षेत्र में पैदल मार्च किया जा रहा है. मोहर्रम के जुलूस का मारपीट शहर के बीच से होकर निकलता है. इसी के मद्देनजर रूट को देखा जा रहा है. इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण ताजी की ऊंचाई है जो कि 12 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके लिए पीस कमेटी की बैठक में सभी को स्पष्ट रूप से बता दिया गया है. किसी भी तरह के हथियारों का प्रदर्शन नहीं होगा. इसके अलावा किसी भी पारंपरिक रूट के अलावा गैर परंपरागत काम करेगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
कावड़ियों को बातचीत करके भी बता दिया गया है कि एक लिमिट डेसिबल के अनुरूप जाकर डीजे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और डीजे की ऊंचाई 10 फीट से ज्यादा ना हो. इसी के साथ मोहर्रम के साथ आने वाले डीजे के बारे में भी लोगों को बताया गया है. इसी को लेकर रूट मार्च किया जा रहा है कि जुलूस वाले मार्ग पर किसी तरह का कोई अवरोध न हो.
डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि शांति समिति की कुल 37 बैठक हमारे द्वारा की गई है. हमारे द्वारा सेक्टर स्कीम लागू की गई है जिसमें 5 सेक्टर, 15 जॉन और 3 सुपर जॉन बनाए गए हैं. कावड़ यात्रा के तीन प्रमुख मार्ग हैं जिसमें सबसे ज्यादा भीड़ रहती है. संभल जिले में 6 जगह से कावड़ यात्रा प्रवेश करती है. उन सभी मार्गों पर पेट्रोलिंग की जा रही है और लोगों से सहयोग लिया जा रहा है.