
यूपी के सहारनपुर में ऐतिहासिक गुगाल (या गुघाल) मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसका उद्घाटन 5 सितंबर को किया गया था. यह मेला 10 सितंबर से आम जनता के लिए खोला गया, जो 27 सितंबर तक चलेगा. मेले की अनुमति 23 दिनों के लिए दी गई है. यह आयोजन काली मंदिर पर होता है, जो जाहरवीर गोगा मेड़ी से जुड़ी धार्मिक परंपरा का हिस्सा है. इस मेले का टेंडर 3 करोड़ 8 लाख रुपये में फाइनल हुआ है.
सुरक्षा और मनोरंजन का संगम
मेला आयोजक सनी गुप्ता ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस बल लगातार गश्त कर रहा है.

मेले की सबसे बड़ी खासियत यहां लगे जापानी तकनीक से बने आधुनिक झूले हैं, जो बच्चों और युवाओं को बेहद पसंद आ रहे हैं. इसके अलावा, मेले में जलपरी शो का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक उमड़ रहे हैं.

मेले का ऐतिहासिक महत्व
गुघाल मेला सहारनपुर की एक पुरानी परंपरा है, जो कई दशकों से चली आ रही है. यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यहां मनोरंजन, व्यापार और सामाजिक मेल-जोल का भी केंद्र है. पहले यह मेला गोगाम्हाड़ी पर 3 दिन के लिए लगता था, जिसके बाद इसका भव्य आयोजन काली मंदिर पर होने लगा. यह मेला सहारनपुर की पहचान बन चुका है और आसपास के जिलों से भी लोग इसमें शामिल होने आते हैं.

मेला आयोजक का अनुभव
मेला आयोजक ने बताया कि वे 2001 से मेलों का आयोजन कर रहे हैं और उनकी टीम ने लखनऊ महोत्सव, नोएडा महोत्सव, ताज महोत्सव और कानपुर महोत्सव जैसे बड़े सरकारी कार्यक्रमों का भी सफल आयोजन किया है. उनका मानना है कि उनका प्रयास सहारनपुर की जनता को अच्छा और सस्ता मनोरंजन देना है, ताकि लोग अपने परिवार के साथ इसका आनंद ले सकें.