
यूपी के सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कार में कपल के रोमांस का CCTV से वीडियो बनाने के मामले ने इस समय हड़कंप मचा रखा है. मामले में 'एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम' (ATMS) के मैनेजर आशुतोष सरकार को बर्खास्त कर दिया गया है. इस बीच आशुतोष का कबूलनामे वाला वीडियो सामने आया है जिसमें वो इस पूरे कांड का लाइव कैमरे पर 'खुलासा' करता दिख रहा है. उसने बताया कि 'रोमांस वीडियो' किसने वायरल किया और इस पूरे कांड के पीछे की असल वजह क्या है...
दरअसल, पुलिस पूछताछ में आरोपी आशुतोष सरकार ने जो कहानी बताई उसे सुनकर लोगों के होश उड़ गए. उसने बताया कि ये कोई पहला मामला नहीं था, कोई एक कपल का वीडियो नहीं बनाया गया, अबतक हजारों कपल्स के प्राइवेट वीडियो बन चुके हैं.
आशुतोष की मानें तो ढाई साल में इस तरह के हजारों मामले (वीडियो सीसीटीवी में रिकॉर्ड) सामने आए, लेकिन उसने एक भी वीडियो वायरल नहीं किया. जो वीडियो वायरल हुआ, उसे टोल पर काम करने वाले एक पूर्व कर्मचारी ने किसी ड्राइवर को दिया था. जिसके चलते प्राइवेट वीडियो लीक हुआ.
इन सबके बीच एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) का काम देखने वाली वेंडर कंपनी ने आशुतोष सरकार के अलावा सिस्टम टेक्नीशियन आशुतोष तिवारी, ट्रैफिक मैनेजर शशांक शेखर और सिस्टम इंजीनियर प्रमोद कुमार को भी नौकरी से निकाल दिया है. चारों के खिलाफ FIR करने के लिए पुलिस को लेटर भी लिखा गया, जिसका संज्ञान लेकर पुलिस ने चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. अन्य एक शशांक शेखर की तलाश पुलिस कर रही है.
जानिए पूरा मामला-
आपको बता दें कि 25 अक्टूबर को आजमगढ़ से लखनऊ जा रहे एक कपल का पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कार में रोमांस करते हुए सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था. 2 दिसंबर को सीएम योगी, सुल्तानपुर डीएम-एसपी को इसकी लिखित शिकायत हुई. इसमें बताया गया कि आशुतोष सरकार ने एक्सप्रेस-वे पर लगे सीसीटीवी से नवविवाहित जोड़े का वीडियो बनाया और 32 हजार रुपए वसूले. शिकायत में इसी तरह की 3 और घटनाओं का जिक्र किया गया.
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इसके बाद ATMS का काम देख रही वेंडर कंपनी सुपर वेव कम्युनिकेशन एंड इंफ्रा सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (SCIPL) ने बैक डेट में आशुतोष सरकार को टर्मिनेट कर दिया. 9 दिसंबर को पुलिस ने मामले में आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया और FIR दर्ज की.

पूछताछ में आरोपी पूर्व मैनेजर आशुतोष सरकार ने पुलिस को बताया कि उन लोगों (पूर्व कर्मचारी) ने मुझसे कहा कि तुम हमारी शिकायत क्यों करते हो? कभी कहते हो ड्यूटी में सो जाते हैं, कभी कहते हो देर से आते हैं. इन्हीं सब वजहों से हमें निकाल दिया गया. किसी को एक साल के लिए, तो किसी को 6 महीने के लिए हटाया गया. इसलिए अब हम कहते हैं कि अगर हम नौकरी नहीं करेंगे, तो तुम भी नौकरी नहीं कर पाओगे.
आशुतोष सरकार ने कही ये बात
बकौल आशुतोष- 'हमारे साथ 3 ऐसे लोग हैं, जिनके पास वीडियो एक्सेस रहता है. इनमें से दो ने कहा कि हमने कुछ नहीं किया. लेकिन, शशांक शेखर नाम के एक व्यक्ति ने स्वीकार किया कि उसने एक व्यक्ति को वीडियो दिया था. ढाई साल में ऐसे हजारों मामले आए होंगे, लेकिन आज तक एक भी वीडियो लीक नहीं हुआ. हमने वीडियो लीक नहीं किया. हमारे साथ काम करने वालों ने ही हमारा फायदा उठाया और वीडियो लीक कर दोष हम पर लगा दिया. मैं पहले भी पुलिस को प्रार्थना-पत्र देने वाला था. इसकी जांच होनी चाहिए कि यह काम कौन कर रहा?'
आशुतोष सरकार ने आगे कहा- हम लोग इसी प्रयास में लगे रहे कि वीडियो वायरल न हो, मामला आगे न बढ़े. इसीलिए शिकायत नहीं की. हमारे साथी शशांक शेखर ने ही वीडियो वायरल किया है. उसने खुद बताया कि हां, मैंने वीडियो दूसरे को दिया है. मैंने उससे पूछा कि तुमने ऐसा क्यों किया? अब तो वीडियो वायरल हो रहा है.
इसके बाद आशुतोष ने पुलिस को शशांक शेखर का एक ऑडियो सुनाया जिसमें साफ आवाज में शशांक कहता है कि 'मैं बिल्कुल श्योर हूं, जिसको मैंने वीडियो दिया, वह इसे किसी और को वायरल नहीं करेगा. मैंने वह वीडियो एक ड्राइवर को दिया था.'
पुलिस का एक्शन जारी
अधिकारिक बयान के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह के निर्देश पर हलियापुर पुलिस ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा पर अवैध वसूली और ब्लैकमेलिंग के आरोप में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष सरकार, सिस्टम टेक्निशियन अभिषेक तिवारी और सिस्टम इंजीनियर प्रमोद कुमार पटेल शामिल हैं. ये टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरों का दुरुपयोग कर महिलाओं की निगरानी और एक वाहन चालक की निजता का हनन कर रहे थे. तीनों को ₹5000 के साथ गिरफ्तार कर कोर्ट भेजा गया है.