महाशिवरात्रि के लिए काशी विश्वनाथ धाम में विशेष तैयारी की गई है. भक्तों को झांकी दर्शन से ही संतोष करना पड़ेगा, क्योंकि स्पर्श दर्शन पर रोक रहेगी. इसके बावजूद दावा किया जा रहा है कि कम से कम 10 लाख श्रद्धालु महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने वाराणसी पहुंच सकते हैं. काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पांचों द्वार से भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा. भक्त बाबा विश्वनाथ के 41 घंटे दर्शन कर सकेंगे, वहीं 36 घंटें लगातार सोशल मीडिया के जरिए भी अपने भक्तों से जुड़े रहेंगे.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि शिवभक्तों के लिए इस बार महाशिवरात्रि का पर्व अविस्मरणीय और अभूतपूर्व बनाने का प्रयास किया गया है. इसी कड़ी में विश्वनाथ धाम में तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया गया है. दूसरी नई पहल यह की गई है कि विश्वनाथ धाम के कुल 16 ज्योतिर्लिंगों का रुद्राभिषेक एक सप्ताह के महाशिवरात्रि महोत्सव के तहत कराया जा रहा है. फिर इसकी तस्वीर भी एलबम के जरिए जारी की जाएगी.
तीसरा काम यह किया गया है कि 8 तारीख की मंगला आरती से 9 तारीख की भोग आरती तक पूरे 36 घंटें बाबा का निर्बाध दर्शन फेसबुक और यूट्यूब की लाइव स्ट्रीम से चलता रहेगा. इसके अलावा दर्शनार्थियों की संख्या को देखते हुए जिगजैग बैरिकेडिंग और पेयजल की भी व्यवस्था की गई है. भीड़ को मैनेज करने के लिए मंदिर के पूरे स्टाफ को स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि पिछली महाशिवरात्रि के दौरान 36 घंटे में 8 लाख श्रद्धालु दर्शन किए थे, तो वहीं इस बार यह आंकड़ा 10 लाख तक पहुंच जाएग.
पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन 2 लाख श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम आ रहे हैं. इस लिहाज से अंदाजा लगाया जा रहा है कि शिवरात्रि के दिन 10 लाख श्रद्धालु आ सकते हैं. पांच एंट्री पॉइंट से भक्तों को मंदिर परिसर में प्रवेश दिया जाएगा. 10 लाख की भीड़ में स्पर्श दर्शन संभव नहीं है. इसीलिए झांकी दर्शन से ही भक्तों को संतोष करना पड़ेगा. विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि बाबा विश्वनाथ का दर्शन भक्त मंदिर के अंदर तो एलईडी स्क्रीन पर करते ही हैं, इसके अलावा मंदिर के बाहर भी एलईडी लगाई जाएगी.