
उत्तर प्रदेश के मेरठ में व्यापारी से नाक रगड़वाने के मामले में समझौता हो गया है. गुरुवार को सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने समझौते के कागज पर हस्ताक्षर किए. लिखित समझौता कर दोनों ओर से विवाद खत्म करने पर सहमति जताई गई.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह बैठक भाजपा जनप्रतिनिधियों की पहल पर आयोजित की गई थी. बैठक में पीड़ित व्यापारी सत्यम रस्तोगी के पिता, तथा आरोपी पूर्व भाजपा नेता विकुल चपराणा के मामा रणपाल सिंह, साथ ही हैप्पी भड़ाना, सुबोध, और आदेश के परिजन मौजूद रहे. सभी पक्षों ने आपसी सहमति से कहा कि वे अब इस मामले में किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहते. इसके बाद समझौतानामा पर सभी ने हस्ताक्षर किए.
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दरअसल, मेरठ के तेजगढ़ी चौराहे पर कपड़ा व्यापारी सत्यम रस्तोगी से बदसलूकी की गई थी. पार्किंग विवाद में उनसे बीच सड़क नाक रगड़वाकर माफी मंगवाई गई थी. आरोप भाजपा नेता विकुल चपराणा और उसके साथियों पर लगा. घटना का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने एक्शन लिया और विकुल समेत करीब आधा दर्जन आरोपियों को जेल भेजा.
लेकिन अब इस मामले में बड़ा मोड़ आ गया है. पीड़ित और आरोपियों के परिजनों के बीच समझौता हो गया है. यह समझौता जल्द ही कोर्ट में पेश होगा. जेल गए सभी आरोपियों के परिजन समझौते के वक्त मौजूद थे.

बताया जा रहा है कि पीड़ित पक्ष ने एक एफिडेविट तैयार करवाया, इसमें स्पष्ट लिखा कि मुकदमे में रंगदारी और धमकाने की जो धाराएं बढ़ाई गईं, वे गलत हैं और इस तरह की घटना नहीं हुई थी.
दरअसल, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पीड़ित सत्यम रस्तोगी की तहरीर पर मेडिकल थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने धाराएं बढ़ाईं और सुबोध यादव, आयुष शर्मा, हैप्पी भड़ाना और मुख्य आरोपी विकुल चपराणा को जेल भेजा गया था. भाजपा नेताओं ने पहले आरोपियों पर सख्त एक्शन की मांग भी की थी, लेकिन अब उन्हीं ने समझौता करा दिया.