
उत्तर प्रदेश के शामली में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर अपना धर्म और नाम बदलकर पिछले छह साल से एक मंदिर में पुजारी का वेश धारण कर रखा था. इस घटना ने पूरे गांव को सकते में डाल दिया है. साथ ही, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) और इंटेलिजेंस विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर कैसे कोई व्यक्ति इतने लंबे समय तक इस तरह रह सकता था.
पुलिस ने पकड़े गए युवक की पहचान इमामुद्दीन अंसारी नूर पुत्र मोहम्मद अंसारी के रूप में की है. वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी थाना क्षेत्र के मोहल्ला थाना लाइन का निवासी है. पुलिस ने उसके पास से उसका असली और एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किया है.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने बीती रात एक गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह छह साल से मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था. ग्रामीणों का कहना है कि करीब छह साल पहले सतपाल नाम का एक व्यक्ति उसे शाकुंभरी क्षेत्र से लेकर आया था. आरोपी ने खुद को "कमलनाथ" बताया और सहारनपुर के लक्ष्मी नारायण मंदिर का निवासी बताकर ग्रामीणों का विश्वास जीता.
ग्रामीणों के अनुसार, आरोपी न केवल मंदिर में रहता था, बल्कि आसपास के इलाकों से लोगों को झाड़-फूंक के लिए भी अपने पास बुलाता था. उसने गांव में रहकर लोगों से दान भी इकट्ठा किया और उसी पैसे से मंदिर के नवनिर्माण में भी योगदान दिया. इस मामले के सामने आने के बाद ग्रामीणों ने लोकल LIU टीम और इंटेलिजेंस विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.

उनका कहना है कि अगर एजेंसियां समय पर सतर्क रहतीं, तो यह व्यक्ति इतने लंबे समय तक पुजारी बनकर नहीं रह पाता. पुलिस ने फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है. हालांकि, मामला दो धर्मों से जुड़ा होने के कारण अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी के नेटवर्क और उसके गांव में आने के पीछे के पूरे मकसद का पता लगाने के लिए जांच जारी है.