ग्रेटर नोएडा से एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि IIMT कॉलेज के एक पोस्टर में जिस छात्र को 1.8 करोड़ के पैकेज पर नौकरी मिलने की बात कही गई है, वही युवक असल में आइसक्रीम बेचता है. वीडियो तेजी से लोगों के बीच पहुंचा और कॉलेज व छात्र की छवि पर सवाल खड़े कर दिए.
'आजतक' फैक्ट चेक की टीम ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पूरा सच सामने आया. जांच में यह वीडियो भ्रामक पाया गया. दरअसल, वीडियो में दिख रहा युवक शैलेंद्र नाम का एक आइसक्रीम विक्रेता है, जो इटावा का रहने वाला है. उसका IIMT कॉलेज से कोई लेना-देना नहीं है. शैलेंद्र ने खुद बताया कि वायरल वीडियो उसके दोस्तों ने मजाक में बनाया था. उसे उम्मीद नहीं थी कि यह वीडियो इतनी तेजी से वायरल हो जाएगा. शैलेंद्र ने इस मामले में पुलिस और कॉलेज प्रशासन से माफी मांग ली है और आश्वासन दिया है कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी.
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शैलेंद्र ने बताया कि उसने सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई की है और उसके दोस्त ने सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए यह वीडियो बनाया था. वीडियो वायरल होते ही शैलेंद्र खुद भी घबरा गया और उसने स्पष्ट कर दिया कि उसका IIMT कॉलेज से कोई संबंध नहीं है.
देखें वीडियो...
वहीं, IIMT कॉलेज के डायरेक्टर जनरल अंकुर जौहरी ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कुछ अराजक तत्वों ने जानबूझकर कॉलेज की छवि खराब करने के लिए यह फर्जी वीडियो बनाया. उन्होंने साफ कहा कि पोस्टर में दिखने वाला युवक कॉलेज का एक होनहार छात्र है, जिसे लंदन की एक प्रतिष्ठित कंपनी में उच्च पैकेज पर नौकरी मिली है. उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की कि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए.
पुलिस ने भी मामले को गंभीरता से लिया. थाना नॉलेज पार्क पुलिस टीम ने वीडियो वायरल होने के बाद शैलेंद्र को थाने बुलाया. पूछताछ में शैलेंद्र ने कबूल किया कि यह वीडियो उसके दोस्तों ने मजाक में बनाया था. उसने घटना को लेकर माफी मांगी और पुलिस ने उसे कड़ी चेतावनी देकर छोड़ दिया. फिलहाल, पुलिस और कॉलेज प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बिना सत्यापन के किसी भी वायरल वीडियो पर विश्वास न करें और अफवाह फैलाने से बचें.