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UP में दो ग्राम सभाओं की CRS पोर्टल आईडी हैक, जारी किए गए 500 से अधिक फर्जी जन्म और 28 मृत्यु प्रमाणपत्र

उत्तर प्रदेश के हरदोई में दो ग्राम सभाओं के सीआरएस पोर्टल की आईडी हैक कर 500 फर्जी जन्म और 28 मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए गए. मामला तब उजागर हुआ जब ग्राम विकास अधिकारी लॉगिन नहीं कर पाए. जांच में कई जिलों के फर्जी प्रमाणपत्र मिलने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. आशंका है कि इनका उपयोग फर्जी आधार कार्ड बनवाने में किया गया.

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प्रतीकात्मक फोटो. (AI)
प्रतीकात्मक फोटो. (AI)

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों का एक बड़ा मामला सामने आया है. जिले के टड़ियावां विकासखंड के रावल और अलीशाबाद ग्राम सभा के सीआरएस (सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पोर्टल की लॉगिन आईडी और पासवर्ड हैक कर 500 से अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और 28 फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी कर दिए गए हैं.

मामला कैसे सामने आया?

ग्राम विकास अधिकारी राजीव श्रीवास्तव ने 13 जून को जब किसी ग्रामीण का जन्म प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सीआरएस पोर्टल पर लॉगिन करने की कोशिश की, तो उनकी आईडी खुल ही नहीं रही थी. इसके बाद उन्हें पासवर्ड और ईमेल गलत होने का मैसेज मिला. उन्होंने तत्काल स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर आईडी रीसेट करवाई. फिर पता चला कि किसी अनजान व्यक्ति ने उनकी लॉगिन आईडी और ईमेल को बदल दिया है.

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जांच में हुआ बड़ा खुलासा

राजीव श्रीवास्तव द्वारा जब दोबारा पोर्टल लॉगिन किया गया, तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया. उनकी आईडी से लखनऊ, कानपुर और अन्य जिलों के फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके थे. उन्होंने अन्य ग्राम पंचायतों की जांच की तो अलीशाबाद ग्राम सभा में भी ऐसी ही फर्जीवाड़ा मिला. हैकर्स ने hardoiuprampyare@gmail.com और julmi48@gmail.com नाम की फर्जी ईमेल आईडी से पोर्टल को एक्सेस कर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए.

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हरदोई

क्या है सीआरएस पोर्टल?

सीआरएस पोर्टल के जरिए अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए जाते हैं. ग्राम विकास अधिकारी 30 दिन तक की अवधि के आवेदन स्वीकृत करते हैं, जबकि इससे ज्यादा पुराने प्रमाणपत्रों के लिए डीपीआरओ और एसडीएम स्तर से स्वीकृति ली जाती है. पोर्टल की लॉगिन आईडी और पासवर्ड केवल ग्राम सचिव के पास रहते हैं.

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पुलिस और प्रशासन की सक्रियता

ग्राम विकास अधिकारी की तहरीर पर थाना टड़ियावां पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. अपर पुलिस अधीक्षक नृपेंद्र ने बताया कि प्रथम दृष्टया साइबर क्राइम का यह मामला बेहद गंभीर है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और विशेष टीम गठित की गई है. जांच में सामने आया है कि इस फर्जीवाड़े का उपयोग आधार कार्ड बनवाने और अन्य पहचान संबंधी दस्तावेज़ तैयार करने के लिए किया गया हो सकता है. यही कारण है कि पुलिस अब साइबर सेल और आईटी विशेषज्ञों की मदद से पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने में जुट गई है.

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जिले स्तर पर कार्रवाई

फिलहाल, जिला प्रशासन ने सीआरएस पोर्टल के माध्यम से जारी सभी फर्जी प्रमाणपत्रों को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इससे पहले इसी तरह के मामले रायबरेली और हाथरस में भी सामने आ चुके हैं.

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