
आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट कितना सख्त है यह तो हम सब जानते ही हैं, लेकिन स्ट्रीट डॉग का खौफ अब लोगों की जिंदगियां भी लीलने लगा है. जी हां, ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से आया है जहां नौवीं के एक छात्र शिवा की आवारा कुत्ते के काटने से दर्दनाक मौत हो गई.
15 वर्षीय छात्र की तड़पकर की मौत
दरसअल, बुढाना कोतवाली क्षेत्र के चंधेडी गांव निवासी 15 वर्षीय छात्र शिवा को गांव के आवारा कुत्तों ने एक महीने पहले काट लिया था. लेकिन डर के मारे इसकी जानकारी पीड़ित छात्र ने अपने परिजनों को नहीं दी. जिसके चलते समय रहते उसे उपचार नहीं दिया जा सका था और आखिर में रेबीज इन्फेक्शन से तड़पकर उसकी मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि घटना के दो दिन बाद ही ग्रामीणों ने उस आवारा कुत्ते को भी पीट-पीट कर मार दिया था. लेकिन घटना के एक महीने बाद छात्र शिवा की स्कूल में चक्कर आने पर अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद परिजनों द्वारा उसे उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया.
पीजीआई चंडीगढ़ ले जाते समय मौत
रेबीज के लक्षण मिलने पर चिकित्सकों ने उसे वहां से पीजीआई चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया. मगर चंडीगढ़ ले जाते समय रास्ते में ही छात्र शिवा ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद छात्र के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. बीते दिन गमगीन माहौल में छात्र का अंतिम संस्कार किया गया.

इलाके में आवारा कुत्तों का खौफ
इन सबके बीच आवारा कुत्तों का खौफ अब इलाके भर में पसर गया है. मृतक छात्र के पिता ने सरकार से इन आवारा कुत्तों का प्रबंध करने की गुजारिश की है, ताकि किसी और का बेटा इनका शिकार न बने. मृतक के पिता सुरेश ने कहा- मेरे बच्चे को एक महीने पहले आवारा कुत्तों ने काटा था. लेकिन हमें नहीं पता लग पाया. जब पता लगा कि कुत्ते ने काटा है तो हमने तुरंत कार्रवाई की. मैं उसको लेकर तुरंत हॉस्पिटल पहुंचा. मगर वहां उसका कोई उपचार नहीं था. डॉक्टरों ने कहा इसको कहीं और ले जाओ. ऐसे में वहां से मेडिकल कॉलेज गए, फिर कहा गया कि पीजीआई चंडीगढ़ ले जाओ. आखिर में बच्चे की जान चली गई. इस दौरान बच्चा बहुत तड़पता रहा. जो मेरे बच्चे के साथ दुर्घटना घटी है वह किसी दुश्मन के साथ भी न घटे.
वहीं, इस मामले में मुजफ्फरनगर के सीएमओ डॉक्टर सुनील तेवतिया ने कहा कि यह बुढाना क्षेत्र का मामला है. मेरी जानकारी में आया था. उस बच्चे को एक महीने पहले किसी डॉग ने काटा था. ऐसे केस मैं वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है. उन्होंने शायद वैक्सीनेशन नहीं कराया था, इसलिए डेथ हुई है. लोगों से अपील है कि वैक्सीनेशन जरूर कराएं. हर सीएचसी में दवा उपलब्ध रहती है.