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इटावा में कथावाचक की जाति पूछने के बाद हुए बवाल पर सीएम योगी सख्त, अधिकारियों को दिए ये आदेश 

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी गतिविधियां न केवल प्रदेश की छवि को धूमिल करती हैं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने के लिए भी खतरा हैं. उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी किसी भी साजिश का तुरंत पर्दाफाश हो, दोषियों की सार्वजनिक पहचान की जाए और उनके खिलाफ कानून सम्मत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को कार्रवाई के लिए शासनादेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि तत्परता से निर्णय लें.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. इसमें मुख्यमंत्री ने 'जातीय संघर्ष की साजिशों' पर अधिकारियों के साथ चर्चा की. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पिछले  कुछ समय से प्रदेश में कुछ अराजक तत्व  जातीय विद्वेष फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. इटावा , कौशांबी, औरैया जैसी घटनाएं इसका उदाहरण हैं. 

साजिशों का तत्काल पर्दाफाश करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी गतिविधियां न केवल प्रदेश की छवि को धूमिल करती हैं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने के लिए भी खतरा हैं. उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसी किसी भी साजिश का तुरंत पर्दाफाश हो, दोषियों की सार्वजनिक पहचान की जाए और उनके खिलाफ कानून सम्मत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन को कार्रवाई के लिए शासनादेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि तत्परता से निर्णय लें.

संवेदनशील समय, विशेष सतर्कता की आवश्यकता

बैठक में आगामी धार्मिक आयोजनों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि 27 जून से लेकर 9 अगस्त तक का समय श्रावण मास, रथ यात्रा, मोहर्रम और रक्षाबंधन जैसे पर्वों से जुड़ा है, जो स्वाभाविक रूप से संवेदनशील होता है. उन्होंने कहा कि यह समय केवल कानून व्यवस्था के लिहाज से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, स्वच्छता, यातायात और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.

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कांवड़ यात्रा के लिए विशेष दिशा-निर्देश

श्रावण मास में निकलने वाली कांवड़ यात्रा के लिए मुख्यमंत्री ने विस्तृत दिशानिर्देश दिए. उन्होंने इसे आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक बताते हुए कहा कि यात्रा की गरिमा बनी रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कानफोड़ू ध्वनि, भड़काऊ नारे और परंपरा से इतर रूट परिवर्तन किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं होगा. यात्रा में प्रयुक्त डीजे की ऊंचाई निर्धारित सीमा के भीतर रहे. किसी भी शोभायात्रा के लिए पेड़ काटना, झुग्गी हटाना या गरीबों का घर उजाड़ना बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि किसी भी धार्मिक आयोजन में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन या धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब के विपरीत है और इस पर सख्त रोक होनी चाहिए. उन्होंने पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर सोशल मीडिया निगरानी, ड्रोन से मॉनिटरिंग और स्थानीय संवाद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.

श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि

कांवड़ियों की सुविधाओं को लेकर सीएम योगी ने साफ निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग पर खुले में मांस की बिक्री नहीं होनी चाहिए. स्वच्छता, प्रकाश, पेयजल, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था चाक-चौबंद रहे. विद्युत पोल, लटकते तारों की मरम्मत समय रहते पूरी हो. कांवड़ संघों से संवाद कर सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रावण के सोमवार को मंदिरों में भारी भीड़ होती है, ऐसे में नगर निकाय और पंचायत राज विभाग ट्रैफिक, जल निकासी और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था करें. प्लास्टिक प्रतिबंध का भी पूरी तरह से पालन हो.

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मोहर्रम और रथ यात्रा पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने मोहर्रम और जगन्नाथ रथ यात्रा के आयोजनों को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में इन आयोजनों के दौरान हुई घटनाओं से सबक लेकर इस बार सभी पूर्व-व्यवस्थाएं समय रहते पूरी कर ली जाएं. पीस कमेटी और आयोजन समितियों से संवाद कर परंपरागत मार्गों पर शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित किया जाए.

ओवररेटिंग पर सख्ती और जनशिकायतों का समाधान

मुख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की ओवररेटिंग की शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी दुकानों पर रेट लिस्ट और दुकानदार का नाम स्पष्ट प्रदर्शित हो. जिलाधिकारियों को औचक निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही, मुख्यमंत्री ने जनशिकायतों के निस्तारण को लेकर भी समीक्षा की और कहा कि जिन जिलों में निस्तारण संतोषजनक नहीं है, वहां जवाबदेही तय की जाएगी.

शिक्षा सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी जोर

बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने 'स्कूल पेयरिंग नीति' का जिक्र करते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को जोड़ा जा रहा है ताकि संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो. यह प्रक्रिया पारदर्शी, समावेशी और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए. जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि यह कार्य बिना किसी अवरोध के संपन्न हो.

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