थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उनकी पत्नी ने चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ में पहुंचकर पद्मविभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य से गुरु दीक्षा ली. इस आध्यात्मिक क्षण के बाद जगद्गुरु ने जो कहा कि उसने देश की सैन्य और आध्यात्मिक चेतना को एक साथ झकझोर दिया. रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्होंने मुझसे उसी मंत्र की दीक्षा ली जो माता सीता ने लंका विजय से पूर्व वीर हनुमान को दी थी.
उन्होंने आगे कहा कि गुरु दक्षिणा के रूप में उन्होंने थल सेना प्रमुख से पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) की मांग की है. रामभद्राचार्य के शब्दों में, 'मैंने उनसे पीओके की दक्षिणा मांगी जो पाक अधिकृत है और हमें मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह दक्षिणा मुझे मिलेगी.'
इस अवसर पर रामभद्राचार्य ने सेना प्रमुख को ‘विजयी सेना प्रमुख’ की संज्ञा दी और कहा कि उन्हें सम्मानित करते हुए उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है. गुरु ने पाकिस्तान को भी अप्रत्यक्ष संदेश दिया- बोले कि क्या कुत्ते की पूंछ कभी सीधी होती है? अब यदि आतंकी हमले होंगे तो वह नक्शे से मिट जाएगा.

बता दें कि सेना प्रमुख ने तुलसी पीठ के कार्यक्रम में दिव्यांग छात्रों को संबोधित किया और बाद में सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट पहुंचकर पद्मश्री डॉ. बी.के. जैन से मुलाकात की. यहां उन्होंने ट्रस्ट का भ्रमण किया और चार प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को वेटरन अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया.
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बता दें कि चित्रकूट में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की जगद्गुरु रामभद्राचार्य से भेंट चर्चा का केंद्र बन गई है. इस दौरान जगद्गुरु ने एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक संदेश देते हुए दक्षिणा में सीधे-सीधे पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) की मांग की. उन्होंने यह बयान देशभक्ति और धार्मिक भावना दोनों को शामिल करते हुए दिया, जो अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है.
जगद्गुरु ने कहा कि मैंने कहा कि PoK चाहिए ही चाहिए. पाकिस्तान को कोई संदेश नहीं देना है... क्योंकि कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं हो सकती. पाकिस्तान नक्शे से मिट जाएगा. यह बयान आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब केंद्र सरकार और सेना PoK को लेकर लगातार सख्त रुख अपनाए हुए हैं.