प्रयागराज में आस्था और भक्ति के सबसे बड़े पर्व महाकुंभ मेले में इस बार 11 महिलाओं ने अपने शिशुओं को जन्म दिया, जिससे यह आयोजन उनके लिए और भी यादगार बन गया. इन सभी प्रसवों को महाकुंभ मेले के अंदर स्थित केंद्रीय अस्पताल में हुए.
केंद्रीय अस्पताल में बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं
महाकुंभ मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल होती हैं. मेले में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय अस्पताल पूरी तरह से तैयार रहता है. यहां चार महिला रोग विशेषज्ञों सहित 105 स्वास्थ्य कर्मचारी तैनात हैं. इसके अलावा 125 एंबुलेंस श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर हैं, ताकि जरूरतमंदों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सके.
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पहला शिशु जन्म और ‘कुंभ’ नामकरण
केंद्रीय अस्पताल में पहला प्रसव 29 दिसंबर को हुआ, जब सोनम नामक 20 वर्षीय महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया. इस ऐतिहासिक क्षण को चिरस्मरणीय बनाने के लिए परिवार ने नवजात का नाम 'कुंभ' रखा. सोनम के पति राजा ने बताया कि जब उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई, तो वे तुरंत उन्हें केंद्रीय अस्पताल लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने सुरक्षित प्रसव कराया.
स्वास्थ्य मंत्री ने दी शुभकामनाएं
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोनम और उनके परिवार को शुभकामनाएं दीं और अस्पताल प्रशासन की उत्कृष्ट सेवाओं की सराहना की. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सभी श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ताकि यह दिव्य आयोजन सुरक्षित और सुखद रहे.
वहीं, महाकुंभ मेले में मां गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने आई श्रद्धालु महिलाएं जब मातृत्व के सुखद एहसास से भर गईं, तो इस आयोजन की पवित्रता और भी बढ़ गई. इन नवजात शिशुओं के लिए यह महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि जीवन का पहला आशीर्वाद भी बन गया.