बहराइच जिले की महसी विधानसभा से बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह की विधानसभा सदस्यता जा सकती है. दरअसल, 21 साल पुराने मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए बहराइच में एमपी एमएलए कोर्ट के जज अनुपम दीक्षित ने दो साल की सजा सुनाई है. उन पर सरकारी काम में बाधा पैदा करने सहित अन्य मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
बताते चलें कि दो सितंबर 2002 को जिले के महसी एसडीएम ने सुरेश्वर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने सरकारी काम में बाधा डालने सहित कार्यालय से बाहर निकलने पर निपटने की धमकी देने का आरोप लगाया था. कोर्ट में यह मामला बीते 21 साल से चल रहा था, जिस पर अब फैसला आया है.
बताते चलें कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों के तहत दो साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर जनप्रतिनिधि को सजा की तारीख से ही अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. इसके अलावा सजा खत्म होने के बाद अगले छह साल तक उसके चुनाव लड़ने पर रोक रहती है.
करोड़ों रुपये से विकास कार्य कराने का दावा
विधायक सुरेश्वर सिंह करीब 58 साल के हैं. उनका दावा है कि उनके कार्यकाल में क्षेत्र को बाढ़ से निजात दिलाने के साथ ही शिक्षा, सड़क, पानी और चिकित्सा के क्षेत्र में सैकड़ों करोड़ रुपये की धनराशि से विकास कार्य हुए हैं. इस सीट पर उनके परिवार का काफी दबदबा रहा है.
माता-पिता भी इस सीट से रह चुके हैं विधायक
गौरतलब है कि महसी विधानसभा सीट पर सुरेश्वर सिंह के परिवार का दबदबा रहा है. इस सीट से साल 1974 में जनसंघ और 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर सुरेश्वर सिंह के पिता सुखद राज सिंह विधानसभा चुनाव जीते थे. पिता सुखद राज सिंह के निधन के बाद सुरेश्वर सिंह की मां नीलम सिंह ने 1991 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बनीं.