वाराणसी में धनतेरस से अन्नकूट तक, मां अन्नपूर्णा का खजाना भक्तों के लिए खोला जाता है. इस खजाने में सोने-चांदी के सिक्के, रत्न और एक-दो रुपये के सिक्के होते हैं, जो भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं. मान्यता है कि मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन और प्रसाद प्राप्त करने से कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती.
बाबा विश्वनाथ की नगरी में धनतेरस से लेकर आगे 5 दिनों अन्नकूट तक देवी मां अपने भक्तों को धन बांटती रहेंगी. 8 लाख रुपये का खजाने के अलावा 16 कुंतल लावा को भी भक्तों में वितरित किया जाता है.
भक्तों के लिए मां अन्नपूर्णा का खजाना खुला
वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां अन्नपूर्णा का मंदिर धनतेरस के दिन भक्तों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बन जाता है. मंदिर के महंत पंडित शंकरपुरी के अनुसार, धनतेरस से अन्नकूट तक मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी दर्शन होते हैं. इस दौरान भक्तों को मंदिर की ओर से सोने-चांदी के सिक्के, रत्न, एक-दो रुपये के सिक्के और धान्य के रूप में 16 कुंतल लावा बांटा जाता है. मान्यता है कि मां अन्नपूर्णा का दिया हुआ धन और धान्य घर में रखने से कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती.
सोने, चांदी के सिक्कों को भक्तों के लिए बांटा जाएगा
मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी दर्शन की परंपरा के पीछे एक पौराणिक कथा भी है. काशी के राजा दिवोदास के शासन में किसी देवी-देवता का प्रवेश वर्जित था. ऐसे में मां अन्नपूर्णा ने काशी में आकाल लाकर राजा के घमंड को चूर किया. राजा दिवोदास ने आकाल को समाप्त करने के लिए मां अन्नपूर्णा की साधना की, और मां ने प्रसन्न होकर दिवाली तक दर्शन दिए. महंत शंकरपुरी ने बताया कि इस बार लगभग 8 लाख सिक्के बांटे जाएंगे.