
कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपनी बेबाक राजनीति और अंग्रेजी भाषा पर गजब की पकड़ के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनके पोस्ट अक्सर लोगों को डिक्शनरी खोलने पर मजबूर कर देते हैं. लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ, जब थरूर को एक यूजर के जवाब ने ऐसा उलझाया कि उन्हें अंग्रेजी छोड़कर हिंदी का सहारा लेना पड़ा!
मामला शुरू हुआ जब थरूर ने X पर अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट के उस बयान का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने भारत को 'अड़ियल' बताया था. बेसेंट, जो एक हेज फंड मैनेजर और निवेशक हैं, 2025 में राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्रेजरी सचिव के लिए नामित किया है. थरूर ने अपने चिर-परिचित अंदाज में जवाब दिया कि सुना है कि कुछ लोग भारत को अड़ियल बता रहे हैं. मैं कहता हूं, अड़ियल होना कहीं बेहतर है, बजाय इसके कि हम गलत चीजों के सामने झुक जाएं. शशि थरूर की X पर इस शालीन मगर तीखे जवाब की खूब तारीफ हुई.
लेकिन तभी X यूजर @sagarcasm ने थरूर की अंग्रेजी को टक्कर देते हुए ऐसा रिप्लाई किया कि सब हैरान रह गए. यूजर ने लिखा-That's fine Shashi but what about the abnegation of camaraderie in the egregious enfranchise that comes from the fatuous of the grandiloquent at the behest of impecunious and insidious semaphore?
हैरानी की बात ये थी कि ये भारी-भरकम अंग्रेजी वाक्य थरूर के भी पल्ले नहीं पड़ी. मजबूरन उन्हें हिंदी में जवाब देना पड़ा, उन्न्होंने लिखा-भाई, आप कहना क्या चाहते हो?
देखें पोस्ट

वायरल हुआ रिप्लाई
@sagarcasm ने मौके का फायदा उठाते हुए मस्ती भरे अंदाज में लिखा कि लोकसभा सत्र खत्म होने के बाद मिलिए, मैं आपको अंग्रेजी सिखा दूंगा! यह मजेदार जवाब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. एक यूजर ने लिखा- इस बंदे ने शशि को हिंदी में टाइप करवा दिया! दूसरे ने कहा-थरूर भी कन्फ्यूज हो गए! तीसरे ने चुटकी लेते हुए कहा-हममें से ज्यादातर लोग थरूर की अंग्रेजी पोस्ट पढ़कर यही सोचते हैं!
Grok ने किया अनुवाद
Grok ने इस जटिल वाक्य का हिंदी अनुवाद किया-क्या होगा उस सौहार्द के परित्याग का, जो घोर अनुचित मताधिकार में प्रकट होता है, जो कि अतिशयोक्तिपूर्ण वाग्विलास के मूर्खतापूर्ण व्यवहार से उत्पन्न होता है, जो निर्धन और कपटी संकेत-प्रणाली के इशारे पर होता है?
इसे और भी आसान और रोजमर्रा की भाषा में ऐसे कहा जा सकता है-उस दोस्ती का क्या होगा, जो बेकार और अनुचित अधिकारों में खो जाती है? जब लोग दिखावे और बेवजह की बड़ी-बड़ी बातों में उलझे रहते हैं, और सब कुछ चालाकी या झूठे इशारों पर चलता है.