सोचिए, कोई व्यक्ति अचानक गायब हो जाए और पूरे 30 साल बीत जाने के बाद एक दिन बिल्कुल वैसे ही लौट आए, जैसे वो उसी दिन घर से निकला था. न उम्र बढ़ी दिखे, न कपड़े बदले, न कोई बदलाव! ऐसी ही चौंका देने वाली घटना सामने आयी है. जहां, एक शख्स तीन दशक बाद घर लौटा और परिवार उसे देखकर हैरान, डर और हैरानी के बीच जूझता रहा. ये मामला अब एक रहस्य बन गया है कि आखिर शख्स इन 30 साल में था कहां… और उन्हीं कपड़ों में कैसे वापस लौट आया.
परिवार की पहली प्रतिक्रिया
जब वह घर के दरवाजे पर पहुंचा, तो घर के लोग उसे देखकर एक पल के लिए पहचान भी नहीं पाए. 30 साल के बाद ऐसा आना किसी चमत्कार से कम नहीं था. परिवार के अनुसार- उसका चेहरा लगभग वैसा ही था. उसके कपड़ों में कोई बदलाव नहीं था. वो शारीरिक रूप से भी लगभग उसी उम्र का लग रहा था जिसे वह गायब होने पर था.
परिवार डर और खुशी दोनों में डूब गया, क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह सब हुआ कैसे. परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, खोजबीन हुई, लेकिन कोई पता नहीं चला. कुछ सालों बाद सबने मान लिया कि शायद उसकी मौत हो गई है. घरवालों ने हर साल उसे याद किया, लेकिन उम्मीद खत्म हो चुकी थी.
परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई
वासिले गोर्गोस, जो अब 95 साल के हैं, पूर्वी रोमानिया के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक पशुपालक थे. साल 1991 में वे एक छोटे से काम के लिए घर से निकले थे. उनके पास वापसी का ट्रेन टिकट भी था. लेकिन जब वे वापस नहीं आए, तो परिवार ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. पुलिस ने काफी खोज की, लेकिन वे नहीं मिले. साल बीतते गए और परिवार ने मान लिया कि वासिले की मौत हो चुकी है उन्होंने उनकी याद में धार्मिक कार्यक्रम भी करवाए.
अनजान कार ने घर तक छोड़ा
लेकिन फिर 29 अगस्त 2021 को अचानक कुछ अजब हुआ. वासिले घर के बाहर दिखाई दिए. लोगों ने बताया कि एक कार घर के सामने रुकी, वासिले को उतारा और तुरंत तेज़ी से वहां से चली गई. किसी को कार का नंबर तक नहीं दिख पाया. वासिले उलझन में थे और उन्होंने वही कपड़े पहन रखे थे जो उन्होंने 1991 में घर से निकलते समय पहने थे. उनकी जेब में उनका पुराना पहचान पत्र और वही वापसी का ट्रेन टिकट भी था, जो कभी इस्तेमाल ही नहीं हुआ.
डॉक्टरों को उनकी हालत देखकर हैरानी हुई. हल्की नर्वस सिस्टम की दिक्कतों को छोड़कर वे अपनी उम्र के हिसाब से बिल्कुल ठीक थे. उन्हें याद था कि उनका जन्म 1928 में हुआ था, उनकी पत्नी अब नहीं रहीं और वे एक बड़े व्यापारी के बेटे थे. लेकिन वे अपने बेटे और बेटी को पहचान नहीं पा रहे थे. उनकी बातें भी अक्सर उन्हीं दिनों पर आकर रुक जाती थीं जब वे मवेशियों की देखभाल करते थे—मानो 30 साल बीते ही न हों.
30 साल में क्या हुआ ?
घरवालों और पड़ोसियों ने उससे कई सवाल पूछे.जैसे-इतने साल कहां थे? क्या किसी ने उसे बंद करके रखा था? उसकी उम्र बढ़ी क्यों नहीं दिख रही? कपड़े इतने साल कैसे नए-नए रहे? लेकिन शख्स ने कोई साफ जवाब नहीं दिया. उसका कहना था कि उसे याद नहीं है कि वह कहां था, क्या हुआ, और वह अब कैसे वापस आया.
सबसे हैरानी की बात यह थी कि वह बिल्कुल उसी हालत में मिला- वही कपड़े, वही पहचान पत्र (आईडी), वही पुराना ट्रेन टिकट, जिस पर उसी दिन यात्रा करनी थी. उसे एक कार से उतारा गया, लेकिन कार इतनी तेजी से भाग गई कि नंबर प्लेट तक कोई नहीं देख पाया. उसके लौटने ने कई नए रहस्यमय सवाल खड़े कर दिए—30 साल तक वह कहां था, कैसे रहा, क्या हुआ… किसी को कुछ पता नहीं.
पुलिस मामले की कर रही जांच
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. जांच का फोकस इन बातों पर है-क्या वह मानसिक सदमे में था? क्या किसी ने 30 साल तक उसे कहीं रखा? क्या कोई मेडिकल या साइंटिफिक कारण हो सकता है? क्या उसके गायब होने के पीछे कोई आपराधिक रहस्य था? फिलहाल, उसके कपड़ों का और उसकी मेडिकल स्थिति का परीक्षण किया जा रहा है.
टाइम ट्रेवल से लेकर मिस्ट्री तक
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें चल रही हैं-किसी ने इसे टाइम ट्रेवल जैसा बताया.किसी ने पैरेलल यूनिवर्स का सिद्धांत दिया. कई लोग इसे मनोवैज्ञानिक मामला मान रहे हैं.लेकिन असल सच्चाई अभी भी एक रहस्य है.