एक शख्स ने Reddit पर अपना दर्द बयां किया है. उसने लिखा कि दो साल तक जॉब की तलाश करने के बाद आखिरकार उसे एक प्रोडक्ट-बेस्ड कंपनी में जगह मिली. लेकिन यह नौकरी उसे इंटरव्यू क्लियर करके नहीं, बल्कि रेफरेंस से मिली.
उसका दावा है कि कंपनी की टेक्निकल इंटरव्यू में वह बार-बार फेल हो गया था, क्योंकि उसकी स्किल्स (Spring Boot और Angular) कंपनी के टेक स्टैक से मेल नहीं खाती थीं. बाद में एक जानकार ने CEO से बात की और उसे भर्ती करा दिया.
ऑनबोर्डिंग में देरी, काम भी नहीं मिला
Reddit पोस्ट के मुताबिक, शख्स को जॉइनिंग के बाद पहले इंटर्नशिप दी गई और ट्रेनिंग पूरी करने के बावजूद उसकी ऑनबोर्डिंग एक महीने तक लटकाई गई. जब वह आखिरकार ऑफिस में बैठा तो उसे कोई बड़ा काम नहीं सौंपा गया.
वह लिखता है कि पूरा दिन इंटरनेट ब्राउज करके समय काटता हूं. टीम में कोई मुझसे बात नहीं करता. कोशिश करूं तो भी लोग इग्नोर कर देते हैं.
‘नाश्ता परोसने’ वाली घटना ने और तोड़ा मनोबल
उसने एक वाकया भी शेयर किया. विदाई समारोह के दौरान जूनियर कर्मचारियों को स्नैक्स सर्व करने का काम सौंपा गया. जब उसने एक असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट को नाश्ता ऑफर किया, तो उन्होंने मजाक में कहा- आप ऐसा काम भी करते हैं.
पोस्ट करने वाले को यह बात ताने जैसी लगी और उसके मन में यह धारणा और गहरी हो गई कि उसे कंपनी में गंभीरता से नहीं लिया जाता.
‘क्या मैं टारगेट किया जा रहा हूं?’
अपनी रेडिट पोस्ट में उसने पूछा कि क्या लोग मुझे इसलिए इग्नोर कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि मैं इंटरव्यू में फेल हो गया था और रेफरेंस से आया हूं? मैं कैसे उनकी राय बदल सकता हूं
सोशल मीडिया पर बहस
इस कहानी ने Reddit पर बहस छेड़ दी. कुछ लोगों ने लिखा कि रेफरेंस से नौकरी मिलना गलत नहीं, लेकिन स्किल्स अपग्रेड करना जरूरी है. कुछ का कहना था कि सहकर्मी तभी सम्मान देंगे, जब वह अपने काम से अपनी काबिलियत साबित करेगा. कुछ यूजर्स ने सुझाव दिया कि ऑफिस में रिश्ते धीरे-धीरे बनते हैं, इसलिए उसे धैर्य रखना चाहिए और छोटे-छोटे मौकों का फायदा उठाना चाहिए.