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पौंधों-सब्जियों के विकास को प्रभावित करती हैं दवाएं

बीमार होने पर रोजमर्रा की जिंदगी में हम जो दवाएं लेते हैं वो अंतत: पौधों की वृद्धि पर खासा प्रभाव डालती हैं. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. ये दवाएं मिट्टी तक कई रास्तों जैसे मल से बने उर्वरक व सिंचाई के लिए गंदे पानी के जरिए पहुंच जाती हैं. यहां तक कि वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम इन कंपाउंड को दूर नहीं कर सकता है.

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बीमार होने पर रोजमर्रा की जिंदगी में हम जो दवाएं लेते हैं वो अंतत: पौधों की वृद्धि पर खासा प्रभाव डालती हैं. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. ये दवाएं मिट्टी तक कई रास्तों जैसे मल से बने उर्वरक व सिंचाई के लिए गंदे पानी के जरिए पहुंच जाती हैं. यहां तक कि वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम इन कंपाउंड को दूर नहीं कर सकता है.

गैर स्टेरॉयड एंटी-इंफ्लामेट्री दवाओं के खाद्य फसलों पर असर को लेकर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ये दवाएं फसलों की वृद्धि पर प्रभाव डालते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इन रसायनों की बेहद कम मात्रा भी प्रभाव डालने के लिए काफी होती हैं.

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटर्स मेडिकल स्कूल के क्लेयर रेडशा ने कहा, ‘हम जिन दवाओं का भारी मात्रा में इस्तेमाल करते हैं, उनका निस्तारण अंतत: पर्यावरण में ही होता है. लेकिन जीवों तथा पौधों पर उसके प्रभाव के बारे में हमें बेहद कम जानकारी है.’

शोध के दौरान पाया गया कि प्रत्येक दवा बेहद विशिष्ट तरीके से पौधों पर प्रभाव डालती है. डायक्लोफेनैक जैसी दवाएं मूली की जड़ के विकास को प्रभावित करती हैं, जबकि आइबूप्रोफेन सलाद के पौधों में समयपूर्व जड़ के निर्माण पर प्रभाव डालती है.

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रेडशा ने कहा, ‘हमने अध्ययन का दायरा केवल पौधों तक ही सीमित रखा है. मानवों पर इसके प्रभावों का अध्ययन नहीं किया गया है. लेकिन अपनी समझ में हमें सुधार लाने की जरूरत है, ताकि जल्द से जल्द उपयुक्त जांच तथा नियंत्रण किया जा सके.’

- इनपुट IANS से

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