गाज़ा पट्टी को जब हम आज देखते हैं तो वहां सिर्फ मलबा, खंडहर और तबाही की तस्वीरें सामने आती हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि कभी गाज़ा बेहद खूबसूरत, समृद्ध और सांस्कृतिक तौर पर जीवंत इलाका था. किसी समय में गाजा समुद्र किनारे बसा खूबसूरत शहर था.
गाज़ा भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) के किनारे बसा है. कभी यहां साफ-सुथरे समुद्र तट, घूमने वाले पर्यटक और शानदार बाजार देखने को मिलते थे. कभी यह लंबे समुद्र तट, सुनहरी रेत और नीले साफ पानी के लिए मशहूर थी. यहां लोग समुद्र तटों पर घूमने, मछली पकड़ने और परिवार के साथ समय बिताने जाया करते थे.
गाजा में फूलों और फलों की खेती भी होती थी. यहां जैतून, अंगूर, संतरे और फूलों की खेती बहुत मशहूर थी. गाज़ा का कृषि उत्पाद इजरायल, यूरोप और खाड़ी देशों तक जाता था. गाजा में पुराने समय के बाजार (Bazaar) बहुत लोकप्रिय थे, जहां हस्तशिल्प, मसाले, कपड़े और पारंपरिक गहने मिलते थे. यहां की गलियों में संस्कृति और जीवन का जीवंत रंग दिखता था.
गाजा में समृद्ध बाजार और सांस्कृतिक विरासत भी देखने को मिलते थे. वहां पुराने जमाने के ऐतिहासिक बाजार, मस्जिदें, चर्च और सांस्कृतिक स्थल थे. यहां के लोग व्यापार और मत्स्य पालन में माहिर थे. पहले यहां विशेष रूप से ओस्लो समझौते के बाद, गाज़ा में कई ऐसे बीच रिजॉर्ट और होटल थे, जहां आसपास के देशों से पर्यटक आते थे.
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष, विशेषकर इजरायली सेना द्वारा की गई हवाई हमलों, मिसाइल हमलों और जमीनी कार्रवाई ने गाज़ा को लगभग पूरी तरह तबाह कर दिया है. यहां इमारतें, रिहायशी इलाकों, स्कूल, अस्पताल तक निशाने पर आए हैं.
कई इलाकों में बिजली, पानी और दवाइयों की भारी किल्लत है. हजारों नागरिक मारे जा चुके हैं, लाखों लोग विस्थापित हैं. सुंदर समुद्र तट अब खंडहर और मलबे में बदल चुके हैं. लगातार बमबारी, मिसाइल हमले, और सैन्य संघर्षों के कारण गाजा का बड़ा हिस्सा मलबे में बदल गया है. स्कूल, अस्पताल, घर और बाजार तबाह हो चुके हैं. बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी, बिजली और दवाइयां भी संकट में हैं.