अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है. क्योंकि भारत की प्राकृतिक खूबसूरती को अब वैश्विक स्तर पर भी पहचान मिली है. दरअसल यूनेस्को ने देश के सात अद्भुत प्राकृतिक स्थलों को अपनी 'टेंटेटिव लिस्ट ऑफ वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स' में शामिल किया है. यह भारत के लिए गर्व का पल है, क्योंकि अब देश के कुल 69 स्थल इस संभावित सूची में शामिल हो गए हैं.
यूनेस्को की प्रक्रिया के अनुसार, किसी भी स्थल को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने से पहले इसे टेंटेटिव लिस्ट में होना जरूरी है. इसलिए यह पहला और अहम कदम माना जाता है. इन सात नए स्थलों की खूबसूरती और महत्व भविष्य में दुनिया भर के पर्यटकों को भारत की ओर खींचने में मदद करेगा.
महाराष्ट्र में पंचगनी और महाबलेश्वर के पास स्थित ये स्थल दुनिया के सबसे अच्छे संरक्षित लावा प्रवाह क्षेत्रों में से हैं. ये विशाल डेक्कन ट्रैप्स का हिस्सा हैं, जिन्हें लाखों साल पहले ज्वालामुखीय गतिविधियों से बनाया गया था. ये क्षेत्र कोयना वाइल्डलाइफ सेंचुरी के अंदर आते हैं. ये जगहें न सिर्फ अपनी भूगर्भीय संरचनाओं के लिए मशहूर हैं, बल्कि ये ट्रैकिंग और प्राकृतिक सुंदरता को पसंद करने वालों के लिए एक शानदार डेस्टिनेशन भी हैं.
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कर्नाटक के तट पर स्थित यह द्वीप समूह अपनी अनोखी कॉलम्नर बेसाल्टिक चट्टानों के लिए जाना जाता है. ये चट्टानें लगभग 8.5 करोड़ साल पुरानी हैं. माना जाता है कि ये तब बनी थीं जब मेडागास्कर भारत से अलग हो रहा था. यहां की भूगर्भीय विरासत पर्यटकों को पृथ्वी के इतिहास की एक अद्भुत झलक दिखाती है. यह एक ऐसी जगह है जहां प्रकृति और विज्ञान का संगम देखने को मिलता है.
मेघालय को उसकी अद्भुत गुफा प्रणालियों के लिए जाना जाता है, और अब यहां की माव्लूह गुफा को वैश्विक पहचान मिली है. ये गुफाएं होलोसीन युग की हैं और जलवायु और भूवैज्ञानिक परिवर्तनों का एक महत्वपूर्ण संदर्भ बिंदु मानी जाती हैं. इन गुफाओं के अंदरूनी हिस्से अद्भुत संरचनाओं से भरे हैं, जो रोमांच पसंद करने वाले यात्रियों के लिए एक शानदार एक्सपीरियंस प्रदान करते हैं.
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नागालैंड में स्थित ये पहाड़ ओफियोलाइट चट्टानों के लिए प्रसिद्ध हैं. ये पहाड़ तब बने थे जब महासागरीय क्रस्ट महाद्वीपीय प्लेटों पर उठ गया था. यह एक बेहद दुर्लभ भूवैज्ञानिक घटना है जो पृथ्वी की टेक्टोनिक प्रक्रियाओं को समझने में मदद करती है. इतना ही नहीं यह पहाड़ पर्वतारोहियों और भूविज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक शानदार जगह है.
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के पास स्थित ये लाल बालू के टीले अपनी तरह की एक अनूठी भूगर्भीय संरचना हैं. जोकि प्राचीन जलवायु और तटीय भू-आकृतिक विशेषताओं को दर्शाती हैं. इन टीलों का रंग लाल होता है और ये समुद्री तट के पास स्थित हैं, जिससे यह एक आकर्षक पर्यटन स्थल बन गया है. यही कारण है कि यह फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए एक बेहतरीन जगह है.
आंध्र प्रदेश के तिरुमाला हिल्स तिरुपति मंदिर जैसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल के लिए प्रसिद्ध हैं. लेकिन ये पहाड़ियां अद्भुत प्राकृतिक दृश्य और समृद्ध जैव विविधता भी पेश करती हैं. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि यह स्थल यूनेस्को की प्रतिष्ठित प्राकृतिक धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हुआ, जिससे इसकी लोकप्रियता और पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.
केरल के तट पर वर्कला की चट्टानें अपने खूबसूरत समुद्री नजारों के लिए मशहूर हैं. ये चट्टानें 'वर्कल्ली फॉर्मेशन' का हिस्सा हैं और बहुत पुरानी भूगर्भीय संरचनाओं को दिखाती हैं. इसके अलावा यहां प्राकृतिक झरने और अद्भुत आकृतियां भी हैं. यह जगह सिर्फ़ विज्ञान के लिए नहीं, बल्कि शांत वातावरण और समुद्र की लहरों के साथ पर्यटकों को सुकून देने के लिए भी खास है.