अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर निर्मित भव्य राम मंदिर में 5 जून 2025 को 'राम दरबार' (Ram Darbaar) सहित सात अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा की गई. अब श्रद्धालुओं को यहां राम लला के साथ ही उनके भव्य दरबार के भी दर्शन हो सकेंगे. इस पावन अवसर पर मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया. इस धार्मिक अनुष्ठान को अयोध्या और काशी के 101 आचार्य वैदिक द्वारा संपन्न कराया गया.
इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में पहली मंजिल पर स्थापित राम दरबार को शनिवार से श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया है. राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से देर शाम इस संबंध में निर्णय लिया गया. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को रामलला के साथ-साथ राम दरबार के भी दर्शन की अनुमति दी गई है. जिस तरह रामलला के दर्शन के लिए पास जारी किए जाते हैं, उसी तरह राम दरबार के दर्शन के लिए भी पास उपलब्ध कराए जाएंगे.
अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जयपुर का अहम योगदान रहा. राम दरबार का भव्य सिंहासन जयपुर के रिषभ बैराठी और उनकी टीम ने चांदी और सोने की प्लेटिंग से तैयार किया है. वाल्मीकि रामायण व रामचरितमानस के अनुसार मूर्तियों की व्यवस्था की गई है. बारीक नक्काशी, धार्मिक प्रतीकों और शास्त्रीय शिल्प से यह निर्माण एक अद्भुत कृति बना है.
राम दरबार में मध्य में प्रतिष्ठित भगवान श्रीराम की प्रतिमा दिव्यता, संयम और मर्यादा की पराकाष्ठा को दर्शाती है. उनका परिधान अत्यंत पारंपरिक, समृद्ध और प्रतीकात्मक है. इसमें काशी का प्रसिद्ध रेशमी सिल्क वस्त्र प्रयुक्त हुआ है. इस परिधान में बंधेज (बांधनी) की हल्की डाई की बारीक छपाई है.