scorecardresearch
 

ऑपरेशन सिंदूर के बाद AI के इस्तेमाल से डरा पाकिस्तान, पहुंचा संयुक्त राष्ट्र

पाकिस्तान युद्ध और मिलिट्री में AI के इस्तेमाल को लेकर डरा हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर में हुए ड्रोन्स के इस्तेमाल और भारतीय सेना के जवाब के बाद पाकिस्तान का डरना वाजिब है. मिलिट्री और युद्ध में AI के इस्तेमाल को लेकर पाकिस्तान अब संयुक्त राष्ट्र पहुंच गया है, जहां उसने मांग की है कि इसके इस्तेमाल को UN चार्टर के तहत लाया जाना चाहिए. आइए जानते हैं पूरा मामला.

Advertisement
X
पाकिस्तान युद्ध और मिलिट्री में AI के इस्तेमाल पर नियम बनवाना चाहता है. (Representational Photo: Reuters)
पाकिस्तान युद्ध और मिलिट्री में AI के इस्तेमाल पर नियम बनवाना चाहता है. (Representational Photo: Reuters)

आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए पाकिस्तान बेचैन हो गया है. पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में युद्ध में AI के इस्तेमाल को लेकर चिंता व्यक्त की है. पाकिस्तान ने मांग की है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को यूनाइटेड नेशन चार्टर के तहत लाना चाहिए. खासकर मिलिट्री में AI के इस्तेमाल को नियमों के दायरे में लाने की मांग पाकिस्तान ने की है.  

युद्ध और मिलिट्री में AI के इस्तेमाल को लेकर कई देश नियमों की मांग करते हैं. पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र में इस मांग को रखना इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि ये पूरी घटना ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही है. ऑपरेशन सिंदूर में बड़ी संख्या में ड्रोन्स का इस्तेमाल हुआ था. पाकिस्तान ने भी तुर्किए के ड्रोन्स का इस्तेमाल किया था. 

पाकिस्तान की ओर से भेजे गए ड्रोन्स को भारत ने अपनी सुरक्षा प्रणाली की मदद से निष्क्रिय कर दिया था. वहीं भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने AI पर बातचीत में एक कार्यक्रम में कहा था कि AI का इस्तेमाल दबाव बनाने या टेक्नोलॉजी मोनोपॉली के लिए नहीं होना चाहिए. 

यह भी पढ़ें: Drone Radar बनाने की तैयारी में है BSF

Advertisement

क्या युद्ध में AI का इस्तेमाल होता है? 

कई देश ऑटोनॉमस ड्रोन में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. AI की मदद से ये ड्रोन्स पहचान, ट्रैकिंग और निशाना लगाते हैं. खासकर यूक्रेन- रूस युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध में ड्रोन्स का इस्तेमाल देखा गया है. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके हथियारों को तेज और बेहतर बनाया जा सकता है. 

सिर्फ ड्रोन तक सीमित नहीं है इस्तेमाल

इसका इस्तेमाल सिर्फ ड्रोन तक सीमित नहीं है. इमेज एनालिस्स और टार्गेट तय करने में भी किया जा रहा है. इसकी वजह से मैप पर होते बदलाव को आसान से स्पॉट किया जा सकता है. साथ ही सैनिकों के मूवमेंट को भी ट्रैक करना आसान हो जाता है. AI का इस्तेमाल सर्विलांस और बायोमेट्रिक्स में भी हो रहा है. 

यह भी पढ़ें: आसमान में उड़ती आतंक की वजह, दहशत में पश्चिम यूपी के लोग... क्या है Drones का सच?

ये तो रही जंगी हथियारों की बात, लेकिन मौजूदा समय में जंग सिर्फ असल दुनिया में नहीं लड़ी जा रही है. बल्कि एक जंग साइबर वर्ल्ड में भी चल रही है, जिसमें एक देश दूसरे देश के ऑनलाइन इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाता है. यूक्रेन और रूस की जंग इसका उदाहरण है. गाजा में इजरायल ने अपने ऑपरेशन में भी AI का इस्तेमाल किया है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement