Online Gaming Bill लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है. इस बिल के तहत देश में ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन गेम्स को लेकर एक लीगल फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा, जो डिजिटल गेमिंग सेक्टर को रेगुलेट करेगा. हालांकि, इस बिल को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं.
ये बिल ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देगा, जबकि रियल मनी गेम्स पर रोक लगाएगा. रियल मनी गेम्स यानी ऐसे गेम्स, जिसमें पैसा लगाकर ज्यादा पैसे जीतने का लालच दिया जाता है. आइए जानते हैं इस बिल में क्या कुछ खास है.
प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को प्रमोट करना है. वहीं ऐसे गेम्स पर रोक लगाएगा, जिनमें सीधे तौर पर पैसों का इस्तेमाल होता है. नियामक निरीक्षण और डेवलपर सपोर्ट के लिए एक सेंट्रल ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी बनाई जाएगी.
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इसके अलावा एडिक्शन, फाइनेंशियल फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग जैसी चिंताओं का भी ध्यान रखेगा. रियल मनी गेम्स को बैन करने की बड़ी वजह इन पॉइंट्स को ही बताया गया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऑनलाइन मनी गेम्स की वजह से मिडिल क्लास पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है.
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि सरकार ने अभी तक किसी गेम को बैन नहीं किया है. बल्कि इस बिल में एक गेमिंग कैटेगरी को बैन करने की बात कही गई है. इसके लागू होने पर ऑनलाइन गेम्स को तीन कैटेगरी में बांटा जाएगा. पहली होगी ई-सपोर्ट्स- जिसमें कंपटीटिव, स्किल बेस्ड और टीम के साथ खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम्स होंगे.
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दूसरी कैटेगरी होगी ऑनलाइन सोशल गेम्स की, जो कैजुअल, कम्युनिटी बेस्ड और एजुकेशनल होंगे. वहीं तीसरी कैटेगरी रियल मनी गेम्स की होगी, जिसमें वित्तीय जोखिम वाले और आदत लगाने वाले होंगे. रियल मनी गेम्स को छोड़कर सरकार बाकी दोनों को बढ़ावा देगी.
इस बिल में जुर्माने और सजा का भी प्रावधान है. पहली बार गलती होने पर 3 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक का फाइन लगेगा. दोबारा गलती होने पर 3 से 5 साल की सजा और 2 करोड़ रुपये तक फाइन लग सकता है.