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Tokyo Olympics: सात टांके लगने के बाद 'जख्मी शेर' की तरह लड़े सतीश कुमार...विरोधी भी हुआ कायल

भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार (प्लस 91) विश्व चैम्पियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद क्वार्टर में हारकर बाहर हो गए.

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Bakhodir Jalolov (red) of Team Uzbekistan exchanges punches with Satish Kumar.(Getty)
Bakhodir Jalolov (red) of Team Uzbekistan exchanges punches with Satish Kumar.(Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सतीश कुमार क्वार्टर फाइनल मुकाबला हारे
  • बखोदिर जालोलोव ने 5-0 से शिकस्त दी

भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार (प्लस 91) विश्व चैम्पियन बखोदिर जालोलोव के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद क्वार्टर में हारकर बाहर हो गए. प्री-क्वार्टर फाइनल में लगी चोटों के कारण माथे और ठोड़ी पर 7 टांके लगवाकर उतरे सतीश 0-5 से हारे. उन्हें जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल में दो कट लगे थे.

सेना के 32 साल के मुक्केबाज ने अपने दाहिने हाथ से पंच भी जड़े, लेकिन उजबेकिस्तान के जालोलोव पूरे मुकाबले में हावी रहे. तीसरे दौर में सतीश के माथे पर लगा घाव खुल गया, लेकिन इसके बावजूद वह लड़ते रहे. फुटबॉलर से मुक्केबाज बने जालोलोव ने अपना पहला ओलंपिक पदक सुनिश्चित करने के बाद सतीश की बहादुरी की तारीफ की.

Jalolov (red) and Satish Kumar fight during their men's super heavy (over 91kg) quarter-final. (Getty)

सतीश सुपर हैवीवेट में क्वालिफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे. वहीं, जालोलोव तीन बार के एशियाई चैम्पियन भी हैं.

इसके साथ ही पुरुष मुक्केबाजी में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई. लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) महिला वर्ग में सेमीफाइनल खेलेंगी, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में मुक्केबाजी में भारत का पहला और एकमात्र पदक सुनिश्चित किया है.

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शनिवार को भारत की पदक उम्मीद दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित कुमार (52 किलो) रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता युबेरजेन मार्तिनेज से 1- 4 से हारकर बाहर हो गए. चोटिल विकास कृष्ण (69 किलो), पहला ओलंपिक खेल रहे मनीष कौशिक (63 किलो) और आशीष चौधरी (75 किलो) पहले दौर में हारकर बाहर हो गए.

भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सैंटियागो नीवा ने कहा ,‘अभी उनका (सतीश का) मनोबल टूटा है, लेकिन जब वह सामान्य होगा तो उन्हें पता चलेगा कि चोटों के साथ रिंग में उतरना कितनी बड़ी बात थी.’

उन्होंने कहा, ‘चोट के बावजूद इस तरह की टक्कर देना काबिले तारीफ है. हर पंच से उसका दर्द बढ़ रहा था और उन्हें यह महसूस हो रहा था. उज्बेकिस्तान का मुक्केबाज शानदार था.’

Satish Kumar of India gets medical treatment. (Getty)

महिला वर्ग में छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (51 किलो), दो बार की एशियाई चैम्पियन पूजा रानी (75 किलो) और विश्व चैम्पियन कांस्य पदक विजेता सिमरनजीत कौर (60 किलो) हारकर बाहर हो गए.

बॉक्सिंग में एक मेडल है पक्का

भारतीय मुक्केबाजों ने टोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन किया है. मैरीकॉम, अमित पंघल, विकास कृष्ण जैसे बॉक्सर मेडल के दावेदार थे. बॉक्सिंग में भारत एक मेडल ही जीत पाएगा. लवलीना बोरगोहेन सेमीफाइनल में पहुंचने वाली इकलौती भारतीय मुक्केबाज हैं.

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उन्होंने 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से शिकस्त दी थी. सेमीफाइनल में लवलीना का सामना बुधवार को मौजूदा विश्व चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से होगा. 
 

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