भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दौरान कई विवादित अंपायरिंग फैसले सामने आए हैं, खासकर ऑस्ट्रेलियाई अंपायर पॉल रीफेल के. एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज 1-1 से बराबरी पर है और चौथे दिन कुछ निर्णयों ने पूर्व खिलाड़ियों और फैंस की तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरीं. पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने पॉल राइफल पर सवाल उठाए और कहा कि भारत के खिलाफ गलत फैसले देना एक पैटर्न बन गया है. अपने यूट्यूब चैनल पर अश्विन ने रीफेल के साथ अपने अनुभव साझा किए.
रीफेल पर भड़के आर अश्विन
अश्विन ने कहा, 'मेरा अनुभव पॉल राइफल के साथ… मैं ये नहीं कह रहा कि उन्हें मुझे आउट देना चाहिए. बात यह है कि जब भारत गेंदबाज़ी करता है तो उन्हें लगता है कि यह आउट नहीं है. जब भारत बल्लेबाज़ी करता है, तो उन्हें लगता है कि यह आउट है. अगर ऐसा केवल भारत के साथ नहीं बल्कि सभी टीमों के खिलाफ होता है, तो ICC को इस पर ध्यान देना चाहिए.'
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अश्विन ने दो फैसलों पर विशेष रूप से जोर दिया. उन्होंने सबसे पहले मोहम्मद सिराज की जो रूट के खिलाफ एक पक्की LBW अपील को नकारने की बात कही, जो रीप्ले में दिखा कि गेंद लेग स्टंप को छू रही थी. लेकिन DRS के 'अंपायर कॉल' नियम के कारण ऑन-फील्ड निर्णय बना रहा. दिन के अंत में, शुभमन गिल को ब्रायडन कार्स की गेंद पर रीफेल ने कैच आउट दिया, जबकि DRS में स्पष्ट था कि बल्ले से संपर्क नहीं हुआ था. अश्विन ने एक और फैसले का जिक्र किया जहां बल्ले और गेंद के बीच एक बड़ी दूरी थी.
अश्विन ने कहा कि मेरे पिताजी मेरे साथ मैच देख रहे थे और उन्होंने कहा, 'जब भी पॉल राइफल अंपायर होंगे, भारत नहीं जीतेगा.' यहां तक कि माइक एथरटन और नासिर हुसैन ने भी कहा कि अंपायर्स को खिलाड़ियों के समय खींचने पर और सख्ती दिखानी चाहिए.
पूर्व कप्तान और महान स्पिनर अनिल कुंबले ने भी राइफल के फैसलों पर अपनी राय दी. उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि पॉल राइफल ने तय कर लिया है कि कुछ भी हो, आउट नहीं देना है. जो भी करीब हो, वह आउट नहीं है.