How to Calculate Net Run Rate in IPL: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 सीजन में अब प्लेऑफ की रोमांचक जंग शुरू हो गई है. आज (21 मई) पहला क्वालिफायर खेला जाएगा, जिसमें कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) टीमें आमने-सामने होंगी.
जबकि मंगलवार (22 मई) को एलिमिनेटर मुकाबला होगा, जिसमें राजस्थान रॉयल्स (RR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच टक्कर होगी. इस सीजन में दो टीमें ऐसी रही हैं, जो नेट रनरेट के फेर में फंसकर बुरी तरह नुकसान झेल चुकी हैं.
इसमें एक महेंद्र सिंह धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और दूसरी संजू सैमसन की कप्तानी वाली राजस्थान टीम है. यह दोनों ही टीमें नेट रनरेट के फेर में इस तरह फंसी की एक को (CSK) प्लेऑफ से बाहर होना पड़ा, जबकि दूसरी राजस्थान टीम को दूसरे नंबर की पोजिशन गंवानी पड़ी.
चेन्नई टीम को प्लेऑफ से बाहर होना पड़ा
दरअसल, चेन्नई टीम ने ग्रुप स्टेज में अपना आखिरी मुकाबला बेंगलुरु के खिलाफ खेला था, जिसमें 27 रनों से हार झेलनी पड़ी थी. इस नतीजे के बाद दोनों टीमों के बराबर 14-14 अंक रहे, मगर नेट रनरेट के चक्कर में CSK टीम बाहर हो गई. RCB का नेट रनरेट 0.459 का रहा, जबकि CSK का नेट रनरेट 0.392 का रहा था.
यदि इस आखिरी मुकाबले में ऋतुराज गायकवाड़ की कप्तानी वाली चेन्नई टीम 11 रन और बना लेती तो उसका नेट रनरेट RCB से बेहतर हो जाता. साथ ही चेन्नई टीम हार के बावजूद प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई कर लेती. मगर ऐसा नहीं हो सका और 42 साल के धोनी का सपना टूट गया.
रनरेट के चलते राजस्थान ने गंवाया दूसरा स्थान
इसी नेट रनरेट का शिकार राजस्थान टीम भी हुई है. दरअसल, पॉइंट्स टेबल में राजस्थान और सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) टीम के बराबर 17-17 अंक रहे. मगर बेहतर नेट रनरेट के कारण सनराइजर्स दूसरे नंबर पर मौजूद रही. राजस्थान का आखिरी मुकाबला कोलकाता के खिलाफ बारिश के कारण धुल गया था.
यदि यह मैच पूरा होता तो राजस्थान टीम यहां जीत दर्ज कर अपना दूसरा स्थान हासिल कर सकती थी. मगर मैच धुलने के कारण राजस्थान टीम को 1 पॉइंट तो मिला, लेकिन उसका नेट रनरेट हैदराबाद के मुकाबले कमजोर रहा और उसे तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा. इसका खामियाजा उसे एलिमिनेटर खेलकर चुकाना होगा. अब राजस्थान को खिताब जीतने के लिए लगातार 3 मैच (फाइनल समेत) जीतने होंगे.
इस तरह निकाला जाता है नेट-रनरेट...
- नेट-रनरेट निकालने के लिए किसी टीम के बल्लेबाजी रन रेट को टीम के गेंदबाजी रनरेट से घटाया जाता है. मान लेते हैं कि बेंगलुरु टीम सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ निर्धारित 20 ओवरों में 200 रन बनाती है और फिर गेंदबाजी करते हुए 20 ओवरों में 120 रन ही खर्च करती है, तो उसका नेट-रनरेट 4 होगा.
- चूंकि आरसीबी ने 20 ओवर में 200 रन बनाए हैं, इसलिए बैटिंग रनरेट 10 होगा. वहीं 120 रन खर्च करने के चलते उसका बॉलिंग रन रेट 6 का होगा. मतलब 10 में से 6 माइनस करने पर नेट रन-रेट निकल जाएगा.
- अगर कोई टीम निर्धारित 20 ओवरों से पहले ही ऑल आउट हो जाती है, तो भी नेट-रनरेट का कैलकुलेशन उसके निर्धारित ओवर के आधार पर ही होगा. उदाहरण के लिए बेंगलुरु के खिलाफ मुकाबले हैदराबाद 18 ओवरों में ही 6 के रनरेट से 108 रनों पर सिमट गई. इसके बावजूद सनराइजर्स का बैटिंग रन रेटरेट 5.4 माना जाएगा (108 रन/20=5.4).
DLS आने की स्थिति में ऐसा नियम
- अगर कोई मुकाबला बारिश या किसी अन्य कारणों से बाधित होता है, तो नेट-रनरेट का निर्धारण वास्तविक स्कोर की बजाय, पार स्कोर (DLS लगने के बाद निर्धारित स्कोर) के आधार पर होगा. उदाहरण के लिए अगर बेंगलुरु 20 ओवरों में 200 रन बनाती है और बारिश होने के चलते सनराइजर्स के लिए लक्ष्य 16 ओवरों में 180 रन कर दिया जाता है, तो नेट-रन रेट का निर्धारण भी 16 ओवरों में बनाए गए रनों के आधार पर होगा.
- यदि पहले बैटिंग करने वाली टीम पूरे ओवर्स खेलती है. बाद में वह दूसरी बल्लेबाजी करने वाली टीम को कम स्कोर पर ऑलआउट कर देती है, तब उसे नेट-रनरेट में पूरे ओवर खेलने का फायदा मिल सकता है.
- किसी भी टूर्नामेंट में नेट-रनरेट हर मैच के साथ बढ़ता या घटता रहता है. किसी टीम ने अगर पहले मैच में बढ़िया खेला और दूसरे मैच में बेकार खेल दिखाया, तब टूर्नामेंट में उसके नेट-रनरेट पर फर्क पड़ेगा.