Dukes Ball change controversy: एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा है. फिलहाल 10 जुलाई से लॉर्ड्स में तीसरा टेस्ट मैच जारी है. 5 मैचों की सीरीज में ड्यूक बॉल का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन खिलाड़ी इसकी क्वालिटी से खुश नहीं दिख रहे हैं. लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन भारत को दो बार बॉल बदलनी पड़ी. खिलाड़ी बॉल की क्वालिटी से खुश नहीं थे. ड्यूक्स कंपनी की शुरुआत 1760 में ड्यूक्स परिवार ने की थी. अब इस कंपनी के मालिक भारतीय बिजनेसमैन दिलीप जाजोदिया हैं, जिन्होंने इसे 1987 में खरीदा था.
अब इस पूरे मसले पर दिलीप जाजोदिया ने सफाई दी है. उन्होंने खिलाड़ियों से धैर्य रखने को कहा है. खास बात यह है कि यह गेंद मेरठ से यूके आती है, फिर इंग्लैंड (UK) में उनका फाइनल टच दिया जाता है.
उन्होंने PTI से बातचीत में कहा कि उनकी कंपनी, जिसकी शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी. यूके के असामान्य रूप से गर्म मौसम और आज के दौर की क्रिकेट की मांगों को ध्यान में रखते हुए बॉल में सुधार करने के लिए तैयार है. जहां बल्लेबाज भारी बल्लों से बॉल पर जोरदार प्रहार कर रहे हैं.
लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन की सुबह के सेशन में ड्यूक्स बॉल दो बार बदली गई. 10 ओवर पुरानी बॉल बदली जाने के बाद भी भारतीय खिलाड़ी काफी नाखुश थे, जिसके चलते कुछ ही मिनटों में दोबारा बॉल बदलनी पड़ी.
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जाजोदिया ने कहा- दुनिया में सिर्फ तीन मान्यता प्राप्त क्रिकेट बॉल निर्माता हैं (ड्यूक्स, SG और कूकाबुरा). क्रिकेट बॉल बनाना आसान नहीं है. अगर यह आसान होता, तो दुनिया भर में सैकड़ों निर्माता होते.
जाजोदिया ने कहा- इसलिए मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को यह समझना होगा कि हम चुपचाप बैठे नहीं रह सकते, हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, और अगर कोई समस्या है, तो इसका रिव्यू होगा. हम देखेंगे कि समस्या कहां है, चाहे वह चमड़े में कोई खराबी हो या किसी और चीज में, हम इसकी जांच करेंगे. मैं पैर ऊपर करके सिगार पीने नहीं जा रहा हूं.
वह आगे बोले- सुपरस्टार बहस कर सकते हैं, वे पैसे देने वाले हैं, मुझे वही बनाना है जो वे चाहते हैं, मैं बस इतना ही कह सकता हूं. और लोगों को सावधान रहना चाहिए कि जब वे आलोचना करें, तो सिर्फ मेरी या मेरी गेंद की आलोचना न करें. मेरे पीछे बहुत से लोग हैं. नौकरियां दांव पर हैं, इसलिए हमें सावधान रहना होगा, हमेशा सावधान रहें, उदार रहें.
The cricket ball should be like a fine wicket keeper. Barely noticed. We are having to talk about the ball too much because it is such an issue & being changed virtually every innings. Unacceptable. Feels like it’s been 5 years now.
— Stuart Broad (@StuartBroad8) July 11, 2025
Dukes have a problem. They need to fix it. A…
गिल-पंत और ब्रॉड उठा चुके हैं सवाल
शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी पहले ही कह चुके हैं कि बॉल जल्दी सॉफ्ट हो जाती है और शेप भी खराब हो जाती है. इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने भी बॉल की क्वालिटी पर सवाल उठाए हैं. वहीं पूर्व इंग्लैंड के कप्तान नासिर हुसैन ने भी इसे लेकर सवाल उठाए थे.
बॉल जल्दी क्यों खराब हो रही है?
जाजोदिया का मानना है कि गर्म मौसम, मैदान की हालत, आजकल के भारी बैट्स और पावरफुल शॉट्स इसकी वजह हैं. अब बॉल बाउंड्री से बाहर जाकर दीवारों से टकराती है, ऐसे में उसका खराब होना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि अभी इंग्लैंड बोर्ड (ECB) से कोई बातचीत नहीं हुई है क्योंकि टेस्ट सीरीज चल रही है और ऐसा फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया जाना चाहिए.
भारत में ड्यूक्स का प्लान
अभी भारत में इंटरनेशनल और डोमेस्टिक क्रिकेट में SG बॉल का इस्तेमाल होता है, लेकिन जाजोदिया भारत में ड्यूक्स की मौजूदगी बढ़ाना चाहते हैं. उन्होंने बेंगलरु में ऑफिस रजिस्टर किया है और BCCI से भी बातचीत की है. अब भारत में ही ड्यूक्स बॉल को फिनिश किया जाएगा.
ब्रिजेश पटेल ड्यूक्स इंडिया के ऑपरेशंस को लीड करेंगे. जाजोदिया चाहते हैं कि ड्यूक्स बॉल भारत में सिर्फ इंटरनेशनल या फर्स्ट क्लास क्रिकेट तक ही सीमित न रहे, बल्कि स्टेट और क्लब लेवल पर भी इसका इस्तेमाल हो.
जाजोदिया ने कहा अच्छी क्वालिटी के लिए थोड़ा ज्यादा पैसा देना होगा. 400 रुपये में अच्छी बॉल नहीं मिल सकती हैं. जाजोदिया ने खिलाड़ियों की आलोचना को गंभीरता से तो लिया है लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि बॉल में सुधार की गुंजाइश है और वह इस पर काम कर रहे हैं. साथ ही, ड्यूक्स अब भारत में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी में है.
ड्यूक की बॉल वाया मेरठ आ रहीं यूके
फिलहाल कंपनी की मौजूदगी मेरठ में है, लेकिन इसकी सभी गेंदें यूके में तैयार की जाती हैं. जाजोदिया- मैं अभी मेरठ से गेंदें खरीद रहा था और उन्हें यहीं तैयार कर रहा था, लेकिन अब हम उन्हें भारत में भी तैयार करेंगे. हम अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि भारत में अब सही समय है. भारत आने वाले कई सालों तक एक पावरहाउस रहेगा. मैंने बीसीसीआई अधिकारियों से बात की है, वे गेंदों का परीक्षण कर रहे हैं.
क्या ड्यूक की गेंद SG की जगह लेगी?
जाजोदिया से जब PTI ने पूछा कि क्या ड्यूक्स भारतीय क्रिकेट जगत में एसजी की जगह ले सकता है? इस पर उन्होंने कहा बीसीसीआई प्रतिस्पर्धा चाहता है. मेरा मतलब है, यह समझदारी है. आपका एकाधिकार नहीं हो सकता. मूलतः (एसजी का) एकाधिकार है, बहुत सारे निर्माता हैं.