Brihaspati Mantra: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बृहस्पति के कमजोर होने से व्यक्ति के संस्कार कमजोर होते हैं. विद्या और धन प्राप्ति में बाधा के साथ साथ व्यक्ति को बड़ों का सहयोग पाने में मुश्किलें आती हैं. व्यक्ति का पाचन तंत्र कमजोर होता है, स्वास्थ्य की कई सारी गंभीर समस्याएं बृहस्पति ही देता है. संतान पक्ष की समस्याएं भी परेशान करती हैं.
अगर बृहस्पति का सम्बन्ध विवाह भाव से बन जाए तो विवाह होना असंभव हो जाता है. शनि की अशुभ स्थिति से व्यक्ति की समस्याओं का निवारण हो सकता है परन्तु बृहस्पति के बुरे असर का निवारण बहुत ही मुश्किल होता है.
कैसे करें बृहस्पति देव की आराधना?
बृहस्पतिवार को प्रातः स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें. बृहस्पति देव के चित्र या केले के पौधे के समक्ष बैठें. धूप बत्ती और दीपक जलाएं , चने की दाल और गुड़ का भोग लगाएं. इसके बाद आवश्यकता अनुसार बृहस्पति के मन्त्रों का जाप करें. मंत्रों का जाप हल्दी या रुद्राक्ष की माला से करें. बृहस्पतिवार को पीली वस्तुओं का आहार ग्रहण करें.
बृहस्पति देव के किन मंत्रों का किन दशाओं में जप करें?
- जब सामान्य रूप से बृहस्पति देव की कृपा चाहिए हो
- तब "ॐ बृ बृहस्पतये नमः" का प्रातःकाल जाप करें
- जब बृहस्पति के कारण स्वास्थ्य की समस्या हो
- तब "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः" का प्रातः और सायंकाल दोनों वेला जाप करें
- जब बृहस्पति के कारण संस्कारों की समस्या हो
- ऐसी दशा में "ॐ देवपूजिताय नमः" का प्रातःकाल जाप करें
- जब बृहस्पति के कारण संतान की समस्या हो
- तब "ओम् आंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्" का जाप प्रातः तीन माला करें