सूर्य को सात्विकता और शुभता फ़ैलाने वाला ग्रह माना जाता है. यह व्यक्ति के जीवन में प्रकाश फैलाता है. शनि को तामसिक और कठोर ग्रह माना जाता है. यह व्यक्ति के जीवन में संघर्ष और अंधकार पैदा करता है. प्रकाश और अन्धकार का मिलन होने के परिणाम बड़े विचित्र होते हैं. इससे सूर्य भी दूषित होता है और शनि भी.
यह सम्बन्ध कैसे बनता है, और इसके सामान्य प्रभाव क्या हैं ?
- सूर्य शनि के एक साथ होने से
- सूर्य की दृष्टि शनि पर हो या शनि की दृष्टि सूर्य पर हो
- इसके कारण पिता पुत्र के संबंधों में समस्या पैदा होती है
- इसके कारण वैवाहिक जीवन ख़राब होता है
- कभी कभी दो विवाहों के योग भी बन जाते हैं
सूर्य शनि का सम्बन्ध पिता पुत्र के संबंधों में कैसे असर डालता है ?
- पिता और पुत्र का आपसी व्यवहार कदापि अच्छा नहीं होता
- पिता पुत्र कभी कभी एक दूसरे से दूर हो जाते हैं
- कभी कभी पिता पुत्र में से एक ही उन्नति कर पाता है
- कभी कभी लाख प्रयास करने पर पिता या पुत्र का सुख नहीं मिलता
उपाय
- नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें
- वहीँ पर खड़े होकर हनुमान चालीसा पढ़ें
- एक ताम्बे का छल्ला अनामिका अंगुली में धारण करें
- भोजन में चीनी के बजाय गुड का प्रयोग करें
- शनिवार को मीठी चीज़ का दान करें
सूर्य शनि का सम्बन्ध किस प्रकार वैवाहिक जीवन पर असर डालता है
पति पत्नी एक दूसरे के साथ प्रेम नहीं रख पाते
- एक दूसरे को झेलने जैसी स्थिति आ जाती है
- कभी कभी हिंसा और मुकदमेबाजी भी होती है
- अगर शनि मजबूत हुआ तो तलाक भी हो जाता है
उपाय
- नित्य प्रातः काला तिल मिलाकर सूर्य देव को जल अर्पित करें
- रोज शाम को तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाएं
- "नमः शिवाय" का नियमित जप करें
- गले में लाल चन्दन की माला धारण करें
साभार.............
शैलेन्द्र पाण्डेय - ज्योतिष