क्रिसमस का पर्व प्रेम और प्रकाश का पर्व है. इस दिन घर में ढेर सारी रौशनी की जानी चाहिए और क्राइस्ट को याद करना चाहिए और मीठी चीजें जैसे केक बनाने चाहिए. ढेर सारे उपहार बांटने चाहिए और जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए. क्राइस्ट के जीवन और उनके प्रेम भाव को समझना चाहिए , हो सके तो पवित्र धर्म ग्रन्थ का पाठ करना चाहिए.
क्रिसमस के पर्व के अलग-अलग प्रतीकों का अर्थ क्या है?
- क्रिसमस पर प्रभु यीशु के समक्ष मोमबत्तियां जलाकर हम उनसे अपने जीवन में प्रकाश की कामना करते हैं
- अलग अलग रंगों की मोमबत्तियां हमारे जीवन में ढेर सारी खुशियां और सफलता लाती हैं
- प्रभु यीशु के जन्मदिन पर उनके प्राकट्य के समय घंटियाँ बजकर उल्लास मनाया जाता है
- क्रिसमस के दिन घर और पूजा स्थान को घंटियों से सजाने से घर की हर तरह की नकारात्मक उर्जा दूर हो जाती है
- मीठी चीज़ से मन का तनाव दूर होता है और आप को ढेर सारी उर्जा मिलती है
- जिनको जरा भी तनाव या अवसाद है , ऐसे लोगों को क्रिसमस के दिन प्रभु को याद करके केक खाना और खिलाना चाहिए
- जीवन में जिस तरह की खुशियाँ आप चाहते हैं वैसी ही चीज़ों का उपहार अपने लोगों को या जरूरतमंदों को देना चाहिए
- अगर आप रिश्ते बनाना या जोड़ना चाहते हैं तो चोकलेट उपहार में दीजिये
भगवान् कृष्ण और क्राइस्ट में क्या समानता हो सकती है?
- दोनों ही प्रेम के अवतार हैं और सारी दुनिया को प्रेम से बाँधने का प्रयास किया.
- दोनों के उपदेश व्यक्ति के जीवन में उर्जा भरने का प्रयास करते हैं.
- दोनों के जन्म की स्थितियां तकरीबन कुछ विशेष तरह की हैं.
- इनका जन्म तो विशेष हुआ ही , जीवन में किसी विशेष घटना के घटने पर इनका ईश्वरीय स्वरुप सामने आया.
- कृष्ण और क्राइस्ट दोनों ही गुरु रूप में आज भी विद्यमान हैं.
- क्रिसमस के दिन प्रेम के अवतार श्री कृष्ण को भी याद किया जा सकता है.