उत्तर प्रदेश में 31 दिसंबर को चुप ताजिये और 4 जनवरी को जुलूस-ए-मदहे सहाबा के दौरान संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए हैं. दोनों जुलूसों के मार्ग पर फ्लैग मार्च होगा और आरएएफ और पीएसी के दस्ते तैनात किए जाएंगे. जुलूस के पूरे क्षेत्र को पांच जोन और 22 सेक्टरों में बांटा गया है. जहां पुलिस अधिकारी और मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी रहेगी.
चुप ताजिये का जुलूस और जुलूसे मदहे सहाबा दोनों महत्वपूर्ण जुलूस है. प्रशासन दोनों जुलूस परम्परागत तरीके से और शान्तिपूर्वक निकलवाने के लिए जुटा है. इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. पुलिस विभाग शान्ति व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपटने के लिए कमर कस चुका है.
प्रशासन अवांछित तत्वों पर कड़ी नजर रखने के लिए दोनों जुलूसों के मार्ग में पड़ने वाले और अन्य संवेदनशील स्थानों पर क्लोज सर्किट कैमरे लगाएगा और ड्रोन कैमरे से नजर भी रखेगा. इसके अलावा छतों पर भी पुलिस बल की तैनाती की जाएगी. दोनों जुलूसों के दौरान पीएसी और आरएएफ बल पर्याप्त मात्रा में लगेगा. इस संबंध में जिलाधिकारी राजशेखर सभी विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों को पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि सभी समय से पूर्व दोनों जुलूसों की तैयारियां मुकम्मल कर लें.
उधर, कर्बला के शहीदों की याद में दो महीने आठ दिन से चल रहा मजलिस-ओ-मातम और जुलूसों का सिलसिला 31 दिसंबर को चुप ताजिये के जुलूस के निकलने के साथ समाप्त हो जायेगा. यह जुलूस पुराने शहर के विक्टोरिया स्ट्रीट स्थित इमामबाड़ा नाजिम साहब से तड़के उठकर कड़ी सुरक्षा के बीच नक्खास, मंसूर नगर होते हुए रौजा-ए-काजमैन जाकर समाप्त होगा. जुलूस सबसे आगे हाथी पर अलम लिए अजादार, जुलजुनाह, अली असगर का झूला, हजरत अब्बास के अलम और दो ताजिये शामिल होंगे.
इसके साथ सबसे पीछे ऊंटों पर सजी अमारियां भी होंगी. जुलूस निकलने से पूर्व मजलिस को मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक खिताब करेंगे. उधर, बारह रबीउल अव्वल के अवसर पर 4 जनवरी को सुबह नौ बजे झंडेवाला पार्क अमीनाबाद से जुलूस-ए-मदहे सहाबा निकाला जाएगा जिसकी तैयारियां जोरशोर से चल रहीं हैं.
यह जुलूस अमीनाबाद झंडेवाला पार्क से शुरू होकर मौलवीगंज, रकाबगंज, नक्खास तिराहा, बिल्लौचपुरा, हैदरगंज होते हुए ऐशबाग ईदगाह पहुंचकर समाप्त होगा. इसके बाद ऐशबाग ईदगाह में जलसा सीरते नबी व सीरते सहाबा होगा. इसे इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली शहरकाजी और मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी सहित अनेक वरिष्ठ मौलाना खिताब करेंगे.
इनपुट IANS