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Chanakya Niti In Hindi: कभी न हों इन 4 चीजों के लिए दुखी, मिलेगा ज्यादा लाभ

Chanakya Niti In Hindi, Do not Feel Sad About These Four Things: चाणक्य नीति कहती है कि किसी दुष्ट इंसान से कोई छिपाने वाली बात नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उसे अगर वो बात अहम लगती है तो वह फैला देता है.

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Chanakya Niti In Hindi, Do not Feel Sad About These Four Things, Acharya Chanakya Thoughts
Chanakya Niti In Hindi, Do not Feel Sad About These Four Things, Acharya Chanakya Thoughts

आचार्य चाणक्य को महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री माना जाता है. उनके अंदर शुरू से एक लीडर वाले गुण थे. आचार्य चाणक्य ने जीवन की बारीकियों का अध्यय किया था. उन्होंने जीवन को बेहतर और सफल बनाने के लिए बहुत सारी नीतियां बताई हैं, जिनसे सफलता की सीढ़ी चढ़ी जा सकती है. चाणक्य की इन्हीं नीतियों को चाणक्य नीति कहा जाता है.

आचार्य चाणक्य की इन्हीं नीतियों में से एक नीति बताती है कि इंसान के जीवन में ये 4 चीजें ना होने पर उसे दुखी नहीं होना चाहिए. चाणक्य ने वो चार चीजें पानी में तेल, दुष्ट इंसान से गुप्त बातें, सुपात्र में दान और प्रज्ञावान के पास शास्त्र को बताया है.

जले तैलं खले गुह्यां पात्रे दानं मनागपि।

प्राज्ञे शास्त्रं स्वयं याति विस्तार वस्तुशक्तित:॥

1. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि कभी जल में तेल मिक्स कहना हो और तेल अगर कुछ कम मात्रा में हो तो इससे परेशान या दुखी नहीं होना चाहिए. पानी में तेल कम भी डाला जाए तो भी वह पूरी तरीके से फैलेगा, क्योंकि जल में तेल अपना अस्तित्व तलाश ही लेता है.

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2. चाणक्य नीति कहती है कि किसी दुष्ट इंसान से कोई छिपाने वाली बात नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उसे अगर वो बात अहम लगती है तो वह फैला देता है. इसलिए बुरे लोगों से गुप्त बात ना कर पाए तो इससे दुखी नहीं होना चाहिए.

3. चाणक्य नीति यह भी कहती है कि पात्र (योग्य) जगह पर दान देने से सबको जानकारी हो जाती है. अर्थात किसी सुपात्र में थोड़ा सा भी दान किया जाए तो उसके बारे में सोचकर उदास नहीं होना चाहिए. सुपात्र में दिया दान कम होने पर भी सभी तक पहुंच जाता है.

4. आचार्य चाणक्य ये भी कहते हैं कि किसी बुद्धिमान वयक्ति को कम ज्ञानवर्धक बातें बताई जाए तो उससे कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि वो अपने ज्ञान से संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति स्वयं कर लेगा. इसलिए ऐसी बातों से भी दुखी नहीं होना चाहिए.

आचार्य चाणक्य का कहना है कि ये चीजें थोड़ी कम भी हो तो अपना विस्तार कर लेते हैं. ये सभी खुद, वस्तु की शक्ति से अपना विस्तार प्राप्त कर लेते हैं.

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