Sunday Puja Niyam: रविवार का दिन सनातन धर्म और अध्यात्म के लिहाज से विशेष महत्व रखता है. इस दिन सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता मानकर उन्हें जल अर्पित करने की परंपरा है, जिससे जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और मान-सम्मान का संचार होता है. इसके अलावा, यह दिन भगवान विष्णु, मां दुर्गा और भैरव बाबा की पूजा के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है. इस दिन देवी की उपासना से साधक को शक्ति, समृद्धि और इच्छापूर्ति का वरदान मिलता है. जबकि भैरव की आराधना से भय, शत्रु और बाधाएं दूर होती हैं. विष्णु पूजा से जीवन में खुशहाली और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
कैसे करें सूर्य देव की पूजा?
शास्त्रों में सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता कहा गया है, क्योंकि वे प्रतिदिन दिखाई देते हैं. उनके प्रकाश से ही धरा पर ऊर्जा, स्वास्थ्य और जीवन का संचार होता है. ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य को आत्मा, ऊर्जा, बल और मान सम्मान का कारक माना गया है. मान्यता है कि रविवार को सूर्य देव की आराधना करने से मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है. साथ ही, मन से नकारात्मकता हटाती है और जीवन में सकारात्मक आती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर है या सूर्य दोष है तो रविवार को सूर्य पूजन और उपाय जरूर करने चाहिए.
रविवार को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और लाल रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें. फिर तांबे के लोटे में शुद्ध जल लेकर उसमें लाल रोली, लाल फूल और अक्षत मिलाएं. सूर्योदय के समय सूर्य की ओर मुख करके खड़े हो जाएं और दोनों हाथों से लोटे को पकड़कर, सिर के ऊपर तक उठाएं और धीरे-धीरे जल नीचे गिराएं. जल की धारा से सूर्य की किरणें देखना शुभ माना जाता है. इस तरह सूर्य को अर्घ्य देने से उनकी कृपा आप पर बनी रहेगी.
कैसे करें देवी दुर्गा और भैरव की पूजा?
रविवार के दिन माता दुर्गा और भैरव की पूजा भी की जाती है. इस दिन मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करने से जातक को मानसिक शांति और भरपूर आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है. घर के मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं. देवी को लाल वस्त्र, सिंदूर, लाल फूल, अक्षत, दीपक, धूप, अगरबत्ती, कपूर, घी, मिठाई, फल अर्पित करें. देवी को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें. इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. फिर माता से अपने समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें.
मां दुर्गा की पूजा भैरव के बिना बिल्कुल अधूरी है. भैरव भगवान शिव का ही एक उग्र स्वरूप हैं. वह काल के अधिपति हैं और साधक की रक्षा करने वाले देवता हैं. रविवार के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं. मां दुर्गा की पूजा के बाद भैरो बाबा को काला या लाल वस्त्र, सरसों का तेल, काले तिल, उड़द दाल, मिठाई धूप, अगरबत्ती, कपूर आदि अर्पित करें. इसके बाद एक काले कुत्ते को पका हुआ भोजन या प्रसाद जरूर खिलाएं.
कैसे करें विष्णु पूजन?
रविवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व है. इस दिन भगवान के सामने दीपक जलाएं और उन्हें पीले चंदन का तिलक लगाएं. श्री हरि को पीले फूल, फल, मिठाई, धूप और दीपक अर्पित करें. ध्यान रहे कि भगवान विष्णु की पूजा तुलसी दल के बिना बिल्कुल अधूरी मानी जाती है. इसलिए उन्हें तुलसी दल का भोग अवश्य चढ़ाएं. पूजा के बाद विष्णु जी की आरती या ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें. आप विष्णु सहस्त्रनाम या नारायण कवच का पाठ भी कर सकते हैं. विष्णु पूजन से आपको न केवल श्री हरि का आशीर्वाद मिलेगा, बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी.