scorecardresearch
 

Jaya Ekadashi 2024: जया एकादशी आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय

Jaya Ekadashi 2024: जया एकादशी के दिन श्रीकृष्ण की विशेष उपासना से बुरे कर्मों और पापों का नाश हो जाता है. यह व्रत संस्कारों को शुद्ध कर देता है. जया एकादशी के व्रत से चन्द्रमा के हर दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है.

Advertisement
X
जया एकादशी का व्रत हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है.
जया एकादशी का व्रत हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है.

Jaya Ekadashi 2024: आज जया एकादशी है. यह व्रत हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस दिन श्रीकृष्ण की विशेष उपासना से बुरे कर्मों और पापों का नाश हो जाता है. यह व्रत संस्कारों को शुद्ध कर देता है. जया एकादशी के व्रत से चन्द्रमा के हर दुष्प्रभाव को रोका जा सकता है. ग्रहों के दुष्परिणामों को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है.

जया एकादशी का शुभ मुहूर्त
जया एकादशी का व्रत 20 फरवरी दिन मंगलवार यानी आज रखा जाएगा. 20 फरवरी को सुबह 9 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा. जया एकादशी के पारण का समय 21 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 6 बजकर 55 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.

जया एकादशी की पूजन विधि
जया एकादशी का व्रत दो तरह से रखा जाता है- निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत. आमतौर पर पूरी तरह स्वस्थ्य व्यक्ति को ही निर्जल व्रत रखना चाहिए. सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए. इस व्रत में भगवान श्री कृष्ण की उपासना विशेष फलदायी होती है. जया एकादशी पर सुबह स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें.

फिर एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें. उनके सामने घी का दीपक जलाएं. उन्हें फल, फूल, मिठाई, नेवैद्य अर्पित करें. इस दिन भगवान को पंचामृत का भोग भी लगाया जाता है. अगर आप व्रत या उपवास नहीं कर पा रहे हैं तो केवल श्री कृष्ण की उपासना करने से भी इस व्रत का पूरा लाभ आपको मिलेगा. फिर द्वादशी के दिन किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर, दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें.

Advertisement

ग्रहों की शांति का उपाय
जया एकादशी पर ग्रहों की शांति के लिए पूर्व दिशा की तरफ एक पटरे पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु का चित्र स्थापित करें. धूप दीप जलाएं और कलश स्थापित करें. वस्त्र, फल, फूल पान सुपारी आदि अर्पण करें. दाएं हाथ में जल लेकर पीड़ित ग्रहों को शांत करने की प्रार्थना करें. शाम के समय जया एकादशी की व्रत कथा सुनें और फलाहार करें. रात में हो सके तो भगवान विष्णु के किसी भी मंत्र का जाप जरुर करें. 

जया एकादशी पर क्या करें, क्या ना करें
इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करने का संकल्प लें. पीपल और केले के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाएं. तामसिक आहार, व्यवहार और विचार से दूर रहें. इस दिन मन को ज्यादा से ज्यादा भगवान कृष्ण में लगाएं. जया एकादशी के दिन इन बातों का ध्यान रखकर आप अपने तमाम कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement