Chaitra Maas 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह हिंदू नव वर्ष का पहला महीना है. इस साल चैत्र मास बुधवार, 08 मार्च से होगा और इसका समापन गुरूवार, 06 अप्रैल को होगा. मान्यता के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से ही संसार की रचना आरंभ की थी. पूजा पाठ के हिसाब से चैत्र मास का विशेष महत्व है. चैत्र मास की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में होती है इसी कारण इस महीने का नाम चैत्र पड़ा. होलिका दहन के बाद से चैत्र के महीने की शुरुआत हो जाती है. आइए जानते हैं चैत्र के विशेष नियमों के बारे में और इसमें पड़ने वाले त्योहारों के बारे में.
क्यों खास माना जाता है चैत्र का महीना
माना जाता है इस मास से सर्दियां समाप्त हो जाती है और गर्मियों की शुरुआत होती है. पर्यावरण में आसपास काफी हरियाली रहती है. इस समय तरह-तरह के फूल खिलते हैं. चैत्र मास में मां दुर्गा की पूजा की जाती है इस मास में चैत्र नवरात्रि का त्योहार भी मनाया जाता है.
चैत्र के माह में जरूर करें ये काम
- चैत्र के महीने में सूर्य देव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. सूर्यदेव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. ऐसे में इस दौरान नियमित रूप से सूर्यदेव को अर्घ्य दें.
- इस माह में भगवान विष्णु की पूजा और आराधना की जाती है. इस माह में आपको भगवान विष्णु के मछली के स्वरूप की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से आपके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
- चैत्र मास में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा-अर्चना करना काफी शुभ माना जाता है. इस मास में आने वाली नवरात्रि काफी फलदायी साबित होती है.
चैत्र माह के व्रत और त्योहार
08 मार्च - होली
09 मार्च - भाई दूज
11 मार्च - भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
12 मार्च - रंग पंचमी
14 मार्च - शीतला सप्तमी
15 मार्च - शीतला अष्टमी, बसोड़ा, मीन संक्रांति
18 मार्च - पापमोचिनी एकादशी
19 मार्च - प्रदोष व्रत
21 मार्च - चैत्र अमावस्या (दर्श अमावस्या)
22 मार्च - चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा
24 मार्च - गणगौर, मत्सय जयंती, गौरी पूजा
25 मार्च - विनायक चतुर्थी
27 मार्च - यमुना छठ
29 मार्च - मासिक दुर्गाष्टमी
30 मार्च - रामनवमी
01 अप्रैल - कामदा एकादशी या वैष्णव कामदा एकादशी
03 अप्रैल - प्रदोष व्रत
06 अप्रैल - चैत्र पूर्णिमा, चैत्र मास समाप्त