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क्रेन मंगवाई और उठा ले गए कार... लोगों को लगा प्रशासनिक टीम के लोग हैं, बाद में पता चला वे चोर थे

राजस्थान के अलवर में कार चोरी की ऐसी वारदात सामने आई है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया. शहर के बीचों-बीच दो चोरों ने क्रेन मंगाकर कार उठा ली. किसी को जरा भी शक नहीं हुआ कि ये चोर हैं. लोगों को यही लगा कि पुलिस या कोई सरकारी टीम वाहन को सीज कर रही है, लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि कार को चोर ले गए हैं.

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क्रेन से कार चोरी कर ले जाते थे आरोपी. (Photo: Screengrab)
क्रेन से कार चोरी कर ले जाते थे आरोपी. (Photo: Screengrab)

राजस्थान के अलवर में वाहन चोरी के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस ने ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो चोरी को अंजाम देने के लिए अनोखा और चौंकाने वाला तरीका अपनाता था. पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा है, जो क्रेन की मदद से कार उठाकर ले जाते थे, ताकि किसी को चोरी का संदेह तक न हो और वे आसानी से फरार हो सकें. 

पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम के नाम ईशान सैन और गौरव शर्मा हैं. एडिशनल एसपी शरणं कांबले ने बताया कि आरोपियों ने पहले से प्लानिंग कर एक क्रेन मंगवाई. इसके बाद वे पार्किंग से कार उठा ले गए. राहगीरों और आसपास मौजूद लोगों को लगा कि गलत पार्किंग की वजह से शायद ऐसा कर रहे हैं. इसी का फायदा उठाकर दोनों ने वाहन चोरी कर लिया और किसी को शक भी नहीं हुआ.

पुलिस का कहना है कि यह गैंग काफी समय से इसी तरीके का इस्तेमाल कर वाहन चोरी कर रहा था. दोनों आरोपी बेहद पेशेवर तरीके से चोरी करते थे और क्रेन चालक से भी ऐसी बातचीत करते थे कि उसे किसी अवैध गतिविधि का अंदेशा तक नहीं होता था.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में वाहन चोरों के बड़े गिरोह का पर्दाफाश, 22 टू-व्हीलर बरामद, 16 आरोपी गिरफ्तार

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घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस एक्टिव हुई. पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली, मोबाइल लोकेशन की मदद ली और अन्य तकनीकी इनपुट जुटाए. इन सबके आधार पर दोनों आरोपियों की पहचान हुई और फिर पुलिस टीम ने दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के मुताबिक, ईशान सेन दिल्ली दरवाजा क्षेत्र का रहने वाला है, जबकि गौरव शर्मा पहाड़गंज का निवासी है. प्रारंभिक पूछताछ में इन लोगों ने कई अहम जानकारियां दी हैं, और पुलिस अब यह भी पता लगा रही है कि क्या इनके साथ और भी लोग जुड़े थे या कहीं और इसी तरह की चोरी की वारदात कर चुके हैं.

अलवर पुलिस का मानना है कि यह गैंग काफी समय से सक्रिय था और इनके तार अन्य जिलों तक भी हो सकते हैं. कई मामलों में जिस तरह वाहन अचानक गायब हो जाते हैं, उससे यह शक और मजबूत होता है कि चोर ऐसे ही ‘लीगल ऑपरेशन’ जैसा दिखने वाला तरीका अपनाकर चोरी कर रहे थे. पूछताछ में कई और बड़े खुलासों की उम्मीद है. पुलिस ने कहा कि आगे आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनके नेटवर्क, चोरी की गई अन्य कारों और संभावित साथियों के बारे में विस्तृत जांच की जाएगी.

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